एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ एवं इसकी चमत्कारिक शक्तियाँ
एक मुखी रुद्रराक्ष को बेहद पवित्र माना जाता है। यह गोलाकार और अर्ध चंद्र जैसा होता है। गोलाकार एक मुखी रुद्राक्ष में उभरी हुई एक धार होती है। लेकिन इसकी उपलब्धता और दृश्यता दुर्लभ होती है। ऐसा माना जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष शक्ति, ऊर्जा, सत्य और मोक्ष का प्रबल स्रोत होता है। इस रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य ग्रह होता है और भगवान शिव इसके स्वामी देव हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति स्वयं को भगवान शिव और पारलौकिक जीवन से जुड़ा हुआ पाता है।
एक मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक इतिहास
धर्म-शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का अवतार है। इसके धारण करने से व्यक्ति जीवन के सभी कष्ट व संकट दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही एक मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति जीवन के अंधकार को दूर कर उसमें प्रकाश पुंज भरता है। मात्र इतना ही नहीं इस रुद्राक्ष को पहनने से ब्रह्म हत्या के समान पापों से भी मुक्ति मिलती है और व्यक्ति मोह माया के जाल से ऊपर उठ जाता है।
पद्म पुराण के 57वें अध्याय में 38-39वाँ श्लोक में एक मुखी रुद्राक्ष के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि, “एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप है जो समस्त पापों का नाश करता है। अतः इसके धारण करने से व्यक्ति को स्वर्ग लोक और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हे कार्तिकेय! एक मुखी रुद्राक्ष को वही व्यक्ति धारण करने के योग्य होगा जो धार्मिक रूप से विश्वसनीय, शिव की कृपा और कैलाश पर्वत को प्राप्त कर सके”।
एक मुखी रुद्राक्ष और ज्योतिष
वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य है। इस कारण 1 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक के अंदर ऊर्जा शक्ति और नेतृत्व क्षमता का निर्माण होता है। इसके अलावा इसे पहनने से व्यक्ति के भाग्य के द्वार खुलते हैं और उसे समाज में प्रसिद्धि मिलती है। यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हो अथवा अस्त तो एक मुखी रुद्राक्ष का धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि किसी क्रूर ग्रह की दशा या अंतर्दशा चल रही है तो भी 1 मुखी रुद्राक्ष को पहना जा सकता है। इसको धारण करने से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
- रुद्राक्ष को सोने एवं चाँदी की माला के साथ पहनें अथवा इसे काले/लाल धागे के साथ पहनें
- रविवार, सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करें
- धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष को गंगा जल या दूध से शुद्ध करें
- प्रात: काल में सूर्य को तांबें के पात्र से जल और लाल पुप्ष चढ़ाएँ
- रुद्राक्ष को जागृत करने के लिए “ॐ ह्रीं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
- उपरोक्त विधि को संपन्न करने के बाद उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके भगवान शिव का स्मरण करें और रुद्राक्ष को धारण करें
नियम-विधि
- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था होनी चाहिए
- रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति सदाचारी होना चाहिए
- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को मांस-मदिरा नहीं करना चाहिए
- रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति उष्मा महसूस कर सकता है। क्योंकि उष्मा एक मुखी रुद्राक्ष की विशेषता होती है
- धारण करने के अलावा एक मुखी रुद्राक्ष की आराधना करें
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ
- एक मुखी रुद्राक्ष की माला को धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और मन को शांति मिलती है
- इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जीवन में समृद्धि आती है
- जो व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसके आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि तथा व्यक्तित्व का विकास होता है
- एक मुखी रुद्राक्ष करियर तथा व्यवसाय में सफलता दिलाने में सहायक होता है
- एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है
- यदि कोई व्यक्ति यह रुद्राक्ष धारण करता है तो वह अपने क्रोध पर नियंत्रण पा सकता है
- यदि कोई व्यक्ति रक्त, हृदय, आँख और सिर आदि से संबंधित विकार से पीड़ित है तो उसके लिए यह रुद्राक्ष चमत्कारी उपाय है
- यह रुद्राक्ष बुरी आदतों (नशीले पदार्थ का सेवन आदि) को छुड़वाने में सहायक है
उपरोक्त लाभों से यह स्पष्ट हो जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष में दैवीय शक्ति समाहित होती है जिनका लाभ मनुष्य को मिलता है परंतु ध्यान रहे केवल वास्तविक रुद्राक्ष के द्वारा ही आप इन शक्तियों को प्राप्त कर सकते हैं। आशा करते हैं कि 1 मुखी रुद्राक्ष आपके जीवन में ख़ुशहाली और संपन्नता लेकर आए।