आपकी कुंडली में भी हैं किस्मत चमकाने वाले ये 5 विशिष्ट राजयोग?

आचार्य ओम त्रिवेदी 

इंसान की कुंडली में कुछ ऐसे शुभ योग होते हैं जो रातों-रात हमारी किस्मत बदलने की क्षमता रखते हैं। इन शुभ योगों को राजयोग कहते हैं। अब अगर आपके मन में भी ये जानने की इच्छा उठ रही है कि, क्या आपकी कुंडली में भी ये राजयोग हैं तो आप ॐ एस्ट्रो की राजयोग की मदद ले सकते हैं। राजयोग की मदद से आप अपनी कुंडली में मौजूद सभी राजयोगों की विस्तृत जानकारी चुटकियों में हासिल कर सकते हैं। अब आगे बढ़ते है और जानते हैं कि कुंडली में मौजूद वो कौन से पांच विशिष्ट राजयोग हैं जो किसी भी इंसान की किस्मत चमका सकते हैं? 


सबसे पहले यह जानते हैं कि राजयोग किसे कहते हैं।  कुंडली में राजयोग का मतलब कोई राजा बनने से नहीं बल्कि यश, सफलता और समृद्धि के योग से जोड़कर देखा जाता है। राजयोग किसी एक योग का नाम नहीं बल्कि योगों के प्रकार है। जितने ज्‍यादा राजयोग कुण्‍डली में होते हैं उतना ही सफल और समृद्ध व्‍यक्ति जीवन में होता है।

गजकेसरी योग 

गजकेसरी योग को वैदिक ज्योतिष में बहुत ही शुभ योगों में से एक माना गया है। गजकेसरी योग जिस व्यक्ति की भी कुंडली में होता है, वह जातक जीवन के किसी न किसी क्षेत्र में विशेष सफलता अवश्य हासिल करता है। वह धार्मिक, परोपकारी, आज्ञा कारक और दूसरों के हित की परवाह करने वाला होता है और ऐसे लोगों के सामने बड़े-बड़े शत्रु भी टिक नहीं पाते हैं। 

कैसे बनता है कुंडली में गजकेसरी योग? 

अगर बृहस्पति चंद्रमा से केंद्र भाव में अर्थात् प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव अथवा दशम भाव में स्थित हो और शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो गजकेसरी योग बनता है। 

गजकेसरी योग से मिलने वाला फल

ऐसे लोग दयालु और परोपकारी होते हैं। लोगों से बात करना पसंद होगा। ऐसे लोगों को वेद-पुराणों का भी ज्ञान होता है।

मालव्य पंच महापुरुष योग 

मालव्य पंच महापुरुष योग कुंडली में बनने वाले महान शुभ एवं राज योगों में से एक होता है। हर कोई इंसान चाहता है कि उसको जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा मिले। इसके लिए कुंडली में ऐसे योगों का होना भी आवश्यक है जो उसे सभी भौतिक सुख संसाधनों को उपलब्ध करा सके। यही प्रभाव शुक्र ग्रह द्वारा बनने वाले मालव्य पंच महापुरुष योग का होता है। इसका महत्व यही है कि ऐसा योग व्यक्ति को सौंदर्य और कला का प्रेमी बनाता है। 

कैसे बनता है कुंडली में मालव्य पंच महापुरुष योग

मालव्य पंच महापुरुष योग के कुंडली में निर्माण होने का नियम यह है कि शुक्र ग्रह कुंडली के केंद्र भावों में अपनी उच्च राशि, अपनी मूल त्रिकोण राशि या फिर अपनी स्वराशि में स्थित हो।

मालव्य पंच महापुरुष योग से मिलने वाला फल 

ऐसे इन्सान के जीवन में सद्गुण होता है। ऐसा व्यक्ति देखने में चंद्रमा के समान कांति वाला होता है। ऐसे इंसानों को जीवन में हर प्रकार के भौतिक और सांसारिक सुखों का आनंद मिलता है। 

 

नीच भंग राज योग

नीच भंग राज योग ज्योतिष के अनुसार एक ऐसा प्रबल राजयोग होता है जो अगर किसी इंसान की कुंडली में उपस्थित हो तो उसे मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति से निकालकर राजा के समान अतुलनीय धनसंपदा देने में सक्षम होता है। वर्तमान समय में नीच भंग राजयोग काफी प्रभावित करने वाला माना जाता है और इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। 

कैसे बनता है कुंडली में नीच भंग राज योग?

किसी भी इंसान की कुंडली में नीच भंग राजयोग तब बनता ,है जब कुंडली में कोई नीच ग्रह इस प्रकार विराजमान हो कि उसकी नीच अवस्था समाप्त अर्थात् भंग हो जाए और वह प्रबल रूप से राजयोग कारक ग्रह बन जाए तो वह नीच भंग राजयोग कहलाने लगता है।

नीच भंग राज योग से मिलने वाले फल

जिस इंसान की कुंडली में नीच भंग राज योग मौजूद होता है वो राजा के सामान जीवन जीते हैं और उन्हें अखंड लक्ष्मी का भी वरदान प्राप्त होता है। ऐसे इंसान को जीवन में हर सफलता प्राप्त होती है। 

हंस पंच महापुरुष योग

हंस पंच महापुरुष योग देव गुरु बृहस्पति की विशेष स्थिति के कारण निर्मित होता है। कुंडली में मौजूद यह योग व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के सुखों की बढ़ोतरी करने वाला होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति की गणना समाज के गणमान्य और विद्वान जनों में होती है जिससे उसकी सामाजिक स्थिति मजबूत होती है और लोगों द्वारा से सम्मान मिलता है। 

कैसे बनता है कुंडली में हंस पंच महापुरुष योग

हंस पंच महापुरुष योग देव गुरु बृहस्पति की विशेष कृपा का द्योतक है। यह योग देव गुरु बृहस्पति की कुंडली के केंद्र भावों में विशेष परिस्थिति में स्थित होने पर बनता है।

हंस पंच महापुरुष योग से मिलने वाले फल 

ऐसे लोग बेहद भाग्यशाली होते हैं। इस योग में जन्मे जातक में गुणों की अधिकता पाई जाती है और वे अति निपुण होते हैं और हमेशा अच्छे कार्य करने की वजह से नाम कमाते हैं। 

रुचक पंच महापुरुष योग 

रुचक पंच महापुरुष योग व्यक्ति के जीवन में इतनी भव्यता देते हैं कि उसका जीवन महापुरुष के तुल्य हो जाता है। उनके जीवन का कोई सानी नहीं होता और वह जीवन के अनेक क्षेत्रों में ऊंचा उठते हैं और उनका नाम मशहूर हो जाता है। 

कैसे बनता है कुंडली में रुचक पंच महापुरुष योग 

यदि मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि अपनी उच्च राशि अथवा मूल त्रिकोण राशि या स्वराशि में स्थित होकर लग्न से केंद्र भाव में स्थित हों तो महापुरुष योग का निर्माण होता है। मंगल से रुचक पंच महापुरुष योग बनता है।

रुचक पंच महापुरुष योग से मिलने वाले फल 

जिस इन्सान की कुंडली में रुचक पंच महापुरुष योग होता है वो बेहद बलिष्ठ होते हैं, इसके अलावा उनका स्वाभाव भी बेहद अच्छा होता है। ऐसे इन्सान  प्रभावशाली होने के साथ-साथ अपने जीवन को मजबूत बनाते हैं, जिससे उसकी एक अलग ही छवि बनती है।



आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। Om Asttro के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!