मंगल ग्रह शांति, मंत्र एवं उपाय
मंगल ग्रह को पराक्रम और साहस का कारक माना जाता है। मंगल ग्रह शांति के लिए कई उपाय बताये गए हैं। इनमें मंगलवार का व्रत, हनुमान जी की आराधना और सुंदर कांड का पाठ आदि प्रमुख है। कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति से शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है। वहीं मंगल के अशुभ प्रभाव से मांस, रक्त और अस्थि जनित रोग होते हैं। यदि मंगल अशुभ फल दे रहा है तो मंगल से संबंधित उपाय करना चाहिए। मंगल ग्रह शांति के लिए मंगल यंत्र की स्थापना, मंगलवार को मंगल से संबंधित वस्तु का दान, अनंत मूल की जड़ धारण करना चाहिए। इनके अलावा भी वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह से संबंधित कई उपाय बताये गये हैं। इन कार्यों को करने से मंगल ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है और अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
वेश-भूषा एवं जीवन शैली से जुड़े मंगल ग्रह शांति के उपाय
लाल एवं कॉपर शेड कलर के वस्त्र धारण करें।
अपनी मातृभूमि एवं सेना का सम्मान करें।
भाई, साले एवं दोस्तों के साथ मधुर व्यवहार बनाए रखें।
मंगलवार के दिन पैसे उधार न लें।
विशेषतः सुबह किये जाने वाले मंगल ग्रह के उपाय
हनुमान जी की आराधना करें।
नरसिंह देव की पूजा करें।
भगवान कार्तिकेय की आराधना करें।
सुंदर कांड का पाठ करें।
मंगल के लिये व्रत
मंगल दोष दूर करने के लिए और मंगल देव की शुभ दृष्टि पाने के लिए मंगलवार के दिन उपवास रखें।
मंगल शांति के लिये दान करें
मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान मंगलवार को मंगल की होरा एवं मंगल ग्रह के नक्षत्रों (मृगशिरा , चित्रा , धनिष्ठा ) में किया जाना चाहिए।
दान करने वाली वस्तुएँ- लाल मसूर, खांड, सौंफ, मूंग, गेहूँ, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन एवं गुड़ आदि।
मंगल के लिए रत्न
मंगल ग्रह के लिए मूंगा रत्न को धारण किया जाता है। मूंगा रत्न को पहनने से मंगल ग्रह के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह रत्न बहुत लाभकारी होता है।
मंगल यंत्र
कुंडली में मांगलिक दोष की वजह से जीवन में शादी-ब्याह, संतान प्राप्ति आदि की समस्याएं आती हैं। इन सभी समस्याओं को मंगल यंत्र की स्थापना करके दूर किया जा सकता है। मंगल यंत्र को मंगलवार के दिन मंगल की होरा एवं मंगल के नक्षत्र के समय धारण करें।
मंगल के लिये जड़ी
मंगल ग्रह शांति के लिए अनंत मूल जड़ी धारण करें। इस जड़ी को मंगलवार को मंगल की होरा और मंगल के नक्षत्र में धारण करें।
मंगल के लिये रुद्राक्ष
मंगल के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है।
छः मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
ॐ ह्रीं हूं नमः।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौं।।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
ॐ ह्रीं हूं नमः।
ह्स्फ्रें ख्फ्रें ह्स्रौं ह्स्ख्फ्रें ह्सौं।
मंगल मंत्र
मंगल ग्रह से मनवांछित फल पाने के लिए मंगल बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र - ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः!
मंगल मंत्र का जाप 1000 बार करना चाहिए। हालाँकि देश-काल-पात्र सिद्धांत के अनुसार कलयुग में इस मंत्र को 40000 बार जपने के लिए कहा गया है।
आप इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं - ॐ भौं भौमाय नमः अथवा ॐ अं अंगराकाय नमः!
मंगल ग्रह शांति के उपाय को विधि अनुसार करने से आपको निश्चित ही मंगल देवता का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके साहस, ऊर्जा और पराक्रम में वृद्धि होगी। ज्योतिष में मंगल को पापी ग्रह की श्रेणी में अवश्य रखा गया है। परंतु मंगल का प्रभाव सदैव ही अशुभ नहीं होता है। यह बात ठीक है कि मंगल ग्रह के कारण कुंडली में मंगल दोष पैदा होता है जो वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। मंगल ग्रह लाल होने के कारण इसका नाता लाल रंग से जुड़ा है।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है। अतः इन राशि वाले जातकों को मंगल को प्रसन्न करने के लिए मंगल ग्रह के टोटके या उपाय ज़रुर करने चाहिए। यदि आप मंगल शांति के उपाय करते हैं तो आपको इससे न केवल मंगल के द्वारा मिलने वाले कष्टों से मुक्ति मिलेगी। बल्कि ये उपाय आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होंगे। मंगल व्रत, मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान, मंगल यंत्र की पूजा तथा मंगल शांति मंत्र का उच्चारण आदि करने से जातकों के मंगल से संबंधित कष्ट दूर होते हैं।
उम्मीद है कि मंगल ग्रह शांति से संबंधित यह लेख आपके लिए लाभकारी एवं ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा।