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राहु ग्रह शांति, मंत्र एवं उपाय

 

राहु ग्रह शांति, मंत्र एवं उपाय

वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु ग्रह एक क्रूर ग्रह है। कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी होने लगती है। किसी समय विशेष पर हर कोई ग्रह अशुभ प्रभाव देने लगता है। ऐसी स्थिति में ग्रह शांति के लिए उपाय किये जाते हैं। राहु ग्रह शांति के लिए कई उपाय बताये गये हैं। इनमें राहु से संबंधित वस्तु का दान, रत्न, राहु यंत्र, राहु मंत्र और जड़ी धारण करना प्रमुख उपाय हैं। ऐसी मान्यता है कि राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति रातों रात रंक से राजा बन जाता है, वहीं अशुभ फल मिलने से राजा से रंक बन जाता है। यदि आपकी कुंडली में राहु कमजोर है तो राहु ग्रह शांति के लिए इन उपायों को अवश्य करें। क्योंकि इन कार्यों के प्रभाव से राहु शुभ फल प्रदान करेगा और आपके कष्टों में कमी आने लगेगी।






वेश-भूषा एवं जीवन शैली से जुड़े राहु ग्रह शांति के उपाय

नीले रंग के कपड़े पहनें।
अपने ससुर, नाना-नानी एवं मरीज़ लोगों का सम्मान करें।
शराब एवं मांस का सेवन न करें।
कुत्तों की देखभाल करें।

विशेषतः सुबह किये जाने वाले राहु ग्रह के उपाय

माँ दुर्गा की पूजा करें।
वराह देव की आराधना करें।
भैरव देव की पूजा करें।
दुर्गा चालिसा का पाठ करें।

राहु शांति के लिये दान करें

राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये राहु ग्रह से संबंधित वस्तुओं को बुधवार के दिन राहु के नक्षत्र ( आर्द्रा, स्वाति , शतभिषा ) में शाम और रात में दान करें।

दान करने वाली वस्तुएँ- जौ, सरसो, सिक्का, सात प्रकार के अनाज (जौ, तिल, चावल, साबूत मूंग, कंगुनी, चना, गेहूँ ), गोमेद रत्न, नीले अथवा भूरें रंग के कपड़े, कांच निर्मित वस्तुएँ आदि।

राहु के लिए रत्न

राहु के लिए गोमेद रत्न  है। इस रत्न को धारण करने से जातकों को राहु दोष से मुक्ति मिलती है तथा जातक को बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।

राहु यंत्र

जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह, वैभव वृद्धि, अचानक आने वाली बाधाओं और बीमारियों से बचने के लिए राहू यंत्र  का पूजन करें। राहु यंत्र को बुधवार के दिन राहु के नक्षत्र में धारण करें।

राहु ग्रह के लिये जड़ी

राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बुधवार के दिन नागरमोथा की जड़ को राहु के नक्षत्र के दौरान धारण करें।

राहु के लिये रुद्राक्ष

राहु दोष निवारण के लिए 8मुखी रुद्राक्ष  धारण करना लाभदायक होता है।
आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
ॐ हूं नमः।
ॐ ह्रां ग्रीं लुं श्री।।

राहु मंत्र

राहु महादशा निवारण के लिए राहु बीज मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। मंत्र - ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः!

राहु मंत्र का 18000 बार जाप करें जबकि देश-काल-पात्र पद्धति के अनुसार कलयुग में इस मंत्र को अधिकतम 72000 बार जपना चाहिए।

आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं - ॐ रां राहवे नमः!

राहु ग्रह शांति के उपाय करने से जातकों को राहु दोष से मुक्ति मिलती है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसका कोई भौतिक रूप नहीं है। हिन्दू शास्त्रो के अनुसार राहु ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु को एक पापी ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से जातकों को कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। हालाँकि यह जातकों को शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देता है। परंतु इसके अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु मंत्र का विधि अनुसार जाप करना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु के कारण कुंडली में काल सर्प दोष उत्पन्न होता है। इस दोष से बचने के लिए राहु शांति के उपाय कारगर हैं। राहु यंत्र की स्थापना तथा उसकी आराधना करने से जातकों को शिक्षा, व्यवसाय, कैरियर में आ रही परेशानियाँ दूर होती हैं। राहु दोष के उपाय छिपे हुए शत्रुओं, गुप्त रूप से आ रही बाधाओं, छल- कपट, गुप्त रोगों, सामाजिक असम्मान और भेदभाव से बचाता है।

हम यह आशा करते हैं कि राहु ग्रह शांति मंत्र एवं उपाय से संबंधित यह लेख आपके लिए लाभकारी एवं ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा।

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