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पारिवारिक और मानसिक शांति के लिए अपनाएं यह 50 वास्तु टिप्स

50 Vastu Tips In Hindi: पारिवारिक और मानसिक शांति के लिए अपनाएं यह 50 वास्तु टिप्स

वास्तुशास्त्र के द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन लेकर आ सकता है। यह एक ऐसा विज्ञान है जो आपके घर दफ्तर और आसपास की वस्तुओं में दिशात्मक बदलाव करके जीवन को सुधारने का काम करता है। आज अपने इस लेख में हम ऐसे 50 वास्तु टिप्स (vastu tips in hindi) के बारे में बात करेंगे जिनको करने से आपको जीवन में सफलता प्राप्त होगी्। इन उपायों को करने से आप पारिवारिक और मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। 

50 वास्तु टिप्स (50 Vastu Tips in Hindi)

पूजा स्थल से जुड़े वास्तु उपाय देंगे आपको मानसिक शांति (Vastu tips for pooja room)

घर का पूजा स्थल एक ऐसी जगह होती है जहां जाकर हर कोई शांति का अनुभव करना चाहता है। घर में पूजा स्थल से जुड़े वास्तु टिप्स नीचे दिए गए हैं, जिनको करने से आप जीवन में शांति का अनुभव कर सकते हैं। 

  • पूजा स्थल पर है कोई भी क्षतिग्रस्त देवी-देवता का चित्र ना रखें।
  • यदि आपके घर में पूजा होती है तो पूजा स्थान का निर्माण हमेशा ईशान कोण में करना चाहिए।
  • सीढ़ियों के नीचे पूजा स्थल रखना भी अशुभ माना जाता है।
  • पूजा स्थल को शौचालय के आसपास न बनाएं इससे घर में नकारात्मकता आती है।
  • पूजा घर में भगवान शिव की मूर्ति रखना अच्छा माना जाता है लेकिन कभी भी शिवालय को पूजा स्थल पर न रखें।
  • घर के पूजा स्थल पर मूर्ति रखना कभी बहुत अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि इसका रखरखाव उस तरह से नहीं होता जिस तरह से होना चाहिए।

 शयन कक्ष से जुड़े वास्तु शास्त्र के उपाय (Vastu Tips for Bedroom)

शयन कक्ष में क्या बदलाव करके जीवन में सकारात्मकता आ सकती है इसके लिए जरूरी वास्तु टिप्स नीचे दिए गए हैं। 

  • बेडरूम में लकड़ी का बना बेड होना चाहिए।
  • घर के शयन कक्ष की व्यवस्था इस तरह से होनी चाहिए कि सोते समय आपका सिर दक्षिण दिशा की ओर हो और पैर उत्तर की ओर हों।
  • दरवाजे की ओर पैर करके सोना शुभ नहीं माना जाता, यदि आपके शयनकक्ष में दरवाजा पैरों की ओर है तो अपने बैड की दिशा परिवर्तित कर दें। 
  • शयन कक्ष में कभी भी पूजा स्थल ना बनाएं, यह अच्छा नहीं माना जाता।
  • शयन कक्ष में वाद्य यंत्र रखना शुभ माना जाता है।
  • किसी तरह की धार्मिक वस्तु शयन कक्ष में नहीं होनी चाहिए।
  • यदि शयनकक्ष में कोई पौधा है तो उसे हटा देना चाहिए क्योंकि इससे शादीशुदा जीवन में परेशानी आती है।
  • घर के बड़े बुजुर्ग या मुखिया का शयनकक्ष हमेशा दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए इससे उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

 शौचालय से जुड़े वास्तु के उपाय (Vastu tips for Toilet)

  • स्नान और शौच घर को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
  • यदि शौचालय और स्नान घर एक साथ है तो शौचालय में कांच की कटोरी में साबुन रखना चाहिए और इसे समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। इससे घर में नकारात्मकता खत्म होती है।
  • स्नान ग्रह और शौचालय का निर्माण हमेशा पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
  • शौचालय और स्नान घर दोनों अलग-अलग हों तो वास्तु के अनुसार इसे शुभ माना जाता है।

 रसोईघर से जुड़े वास्तु के उपाय दिलाएंगे पारिवारिक जीवन में सफलता (Vastu Tips for Kitchen)

  • रसोई घर में खाना बनाने की जगह और बर्तन धोने की जगह में दूरी रखें।
  • रसोई घर में कभी भी पूजा का स्थान ना बनाएं।
  • रसोई घर में धूप-दीप करना भी अच्छा माना जाता है।
  • रात के खाने के बाद जूठे बर्तन ना रखें।
  • रसोई घर को आग्नेय कोण में बनाएं इससे घर में सकारात्मकता आती है।
  • भोजन करते समय अपने मुख को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें इससे भी सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  • घर की रसोई में भोजन करने से भी जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं। 
  • घर की रसोई में चप्पल जूते लेकर न जाएं। 
  • शराब सिगरेट जैसी मादक वस्तुओं का सेवन रसोई घर में न करें।

वास्तु के कुछ जरूरी उपाय

  • अपने घर में गेस्ट रूम को उत्तर पूर्व दिशा की ओर रखें।
  •  घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाए। घर में वास्तु दोष नियंत्रक यंत्र लगाना भी लाभदायक होता है।
  • शौचालय में कमोड में ईशान क्षेत्र में न रखें। 
  • बाथरूम की उत्तर पूर्व दिशा में वाश वेशन लगाना चाहिए।
  • बाथरूम से निकलने वाला पानी ईशान कोण में होना चाहिए।
  • जहां पर रास्ते की समाप्ति होती हो वहां पर घर ना बनाएं।
  • बिजली, मोटर आदि घर के आग्नेय कोण में होना चाहिए।
  • घर के मध्य भाग में कभी भी भारी सामान नहीं रखना चाहिए। मध्य स्थान ब्रह्मा स्थान कहा जाता है और यह खाली और हवादार रहे तो शुभ माना जाता है। 
  • शेर मुखी घर का निर्माण न करें।
  • घर में तहखाना बनाना भी वास्तु के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता। मकान के निर्माण में शीशम कटहल देवदार की लकड़ियां इस्तेमाल करें।
  • घर में कांच का अत्यधिक प्रयोग ना करें।
  • घर के मुख्य द्वार के आसपास आईना न रखें।
  • अग्नि से जुड़ी वस्तुओं का स्थान अग्नि कोण में होना चाहिए।
  • अपने घर में हवा आदि के लिए उचित स्थान बनाए।
  • घर का निर्माण इस तरह से करें कि उसके अंदर हवा और धूप अवश्य।
  • घर में दो मुख्य द्वार ना बनाएं। 
  • दवाई इत्यादि उत्तर-ईशान में रखें।
  • वायव्य कोण में जल की निकासी का स्थान ना बनाएं।
  • उत्तर दिशा की ओर सोने का स्थान ना बनाएं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के समीप टंकी, नल या कोई पेड़ नहीं होना चाहिए इससे सकारात्मक ऊर्जा घर तक पहुंचने में परेशानी होती है।
  • घर के पश्चिम दिशा में पेड़ होना शुभ माना जाता है। 
  • घर की छत पर आपको कभी भी कोई टूटा-फूटा सामान नहीं रखना चाहिए।
  • यदि आपके घर के पास कोई फलदार वृक्ष है तो उसे कभी सूखने ना दें। फलदार वृक्ष के सूखने पर घर में संतानोत्पत्ति में परेशानियां आ सकती हैं।
  • यदि आपके घर में कभी पीपल का वृक्ष उग जाए तो उसे तोड़ कर फेंकना नहीं चाहिए, इसे बृहस्पति ग्रह का कारक माना जाता है। पीपल के वृक्ष के उगने पर इसे उखाड़ कर किसी गमले में उगा दें तो शुभ माना जाता है।
  • यदि घर में पढ़ने का कक्ष अलग है तो वहां माता सरस्वती की तस्वीर अवश्य होनी चाहिए।
  • जिस कमरे में बच्चे रहते हैं वहां की दीवारों का रंग हल्का चमकीला रखें।
  • अपने घर के आंगन में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं।

वास्तुशास्त्र में बताई गई बातें आपके जीवन में सकारात्मकता ला सकती हैं इसलिए कभी भी घर के निर्माण से पहले किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इससे घर में कभी नकारात्मकता नहीं आती। नए घर में प्रवेश से पहले पूजा-हवन आदि अवश्य करवाना चाहिए। 

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