मोती धारण करने से मिलते हैं कई लाभ, लेकिन पहले जान लें ये नियम और सावधानियां
मोती रत्न पहनना बेहद फलदाई होता है। ज्योतिष में हर एक रत्न को धारण करने के अलग फायदे, नियम और सावधानियां बताए गए हैं। आज अपने इस विशेष आर्टिकल में जानते हैं कि, मोती रत्न धारण करने से आपको जीवन में क्या कुछ फल की प्राप्ति होती है? इसे धारण करने का सही नियम क्या है? और मोती रत्न धारण करने के बाद किन सावधानियों को बरतना होता है?
- मोती रत्न धारण करने के फायदे?
इस बारे में सबसे पहला सवाल मन में यही आता है कि, आखिर मोती रत्न धारण करने से लाभ क्या क्या मिलता है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोती रत्न को चंद्रमा से संबंधित रत्न माना गया है। ऐसे में मोती रत्न धारण करने से व्यक्ति का मन शांत रहता है और तनाव दूर होता है। इसके अलावा जिन लोगों को नींद की समस्या होती है उन्हें भी मोती रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। मोती रत्न धारण करने से व्यक्ति का हार्मोन संतुलित बना रहता है और साथ ही आर्थिक पक्ष के लिए भी मोती रत्न वरदान साबित हो सकता है। इसके अलावा मुख्य रूप से कर्क राशि के जातकों के लिए मोती रत्न धारण करना विशेष फलदाई माना जाता है।
- किस उंगली में धारण करें मोती?
हम इस बात की जानकारी आपको पहले ही दे दें कि, कोई भी रत्न धारण करने से पहले आपको जानकार लोगों से सलाह मशवरा ले लेने की सलाह दी जाती है। कोई भी रत्न अपने आप से ना पहने। मोती रत्न चांदी की अंगूठी में सीधे हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।
- मोती रत्न कौन धारण करें और किन्हें नहीं धारण करना चाहिए?
जैसा कि, हमने पहले भी बताया कि हर एक रत्न अलग-अलग व्यक्तियों के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। ऐसे में यदि बात करें की किन व्यक्तियों को मोती रत्न धारण करना चाहिए तो मेष राशि के लोगों को, कर्क राशि, वृश्चिक राशि और मीन राशि के लोगों के लिए मोती धारण करना जहां बेहद शुभ बताया गया है वहीं वृषभ राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के लोगों के लिए मोती धारण करना ज्यादा शुभ नहीं होता है। इसके अलावा यदि आप बेहद भावुक किस्म के हैं या फिर आपको क्रोध बहुत ज्यादा आता है तो ऐसी स्थिति में भी मोती रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
- मोती रत्न धारण करने के नियम
किसी भी रत्न को धारण करने से पहले नियम की जानकारी होना बेहद आवश्यक होता है। कोई भी रत्न यूं ही नहीं धारण कर लिया जाता। उसके पीछे नियम का एक मोटा पुलिंदा होता है। तो ऐसे में जानते हैं मोती रत्न धारण करने के लिए हमें क्या कुछ करने की आवश्यकता होती है। यदि आप मोती धारण करने का विचार कर रहे हैं आप मोती को शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात में सीधे हाथ की छोटी उंगली में धारण कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो पूर्णिमा के दिन भी मोती धारण कर सकते हैं। धारण करने से पहले मोती को गंगाजल से धुलकर साफ करें और धारण करने से पहले इसे भगवान शिव को अवश्य अर्पित करें।
अधिक जानकारी:
- यदि आपने मोती रत्न धारण किया हुआ है तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मोती को केवल पीले पुखराज और मूंगा रत्न के साथ ही धारण की जा सकती है। अन्य किसी रत्न के साथ मोती को पहना नहीं जाना चाहिए।
- इसके अलावा यदि पुरुष मोती रत्न पहन रहे हैं तो उन्हें कम से कम 7.25 रत्ती का मोती धारण करना चाहिए और महिलाएं यदि मोती रत्न धारण कर रही हैं तो उन्हें 4.25 रत्ती का मोती धारण करना चाहिए।
- मोती धारण करने से धन लाभ होता है?
बिल्कुल मोती रत्न धारण करने की अनेकों फायदे हैं और इन्हीं में से एक है धन लाभ। कहा जाता है कि गोल लंबे आकार का मोती जिसमें लाल रंग के ध्वज का आकार का सूक्ष्म चिह्न हो जिसका रंग एकदम सफेद हो उसे धारण करने से व्यक्ति को आर्थिक लाभ मिलता है। इसके अलावा यदि गोल आकार का मोती जिसका रंग तेजस्वी सफेद हो जिस में सफेद रंग का पद्म कोष आकार का सूक्ष्म चिह्न मौजूद हो उसे पहनने से भी व्यक्ति को धन लाभ होता है।
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