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पन्ना रत्न - Panna Stone

 ज्योतिषीय महत्व के अनुसार पन्ना रत्न जिसे अंग्रेजी में एमराल्ड स्टोन भी कहा जाता है, बहुत ही अनमोल और मूल्यवान रत्न है। पन्ना मूलत: हरे रंग का होता है और यह हल्के और गहरे हरे रंग में उपलब्ध होता है। क्रोमियम और वैनेडियम जैसे तत्वों की वजह से पन्ना हरे रंग का होता है। पन्ना को कोयले की खदान से निकाला जाता है। सबसे मूल्यवान और प्रभावी पन्ना रत्न अमेरिका के कोलंबिया में पाए जाते हैं। खदान से प्राप्त किए जाने के बाद पन्ना रत्न की सतह पर आने वाली दरारों को दूर करने के लिए इसकी ऑयलिंग की जाती है यानि तेल लगाकर इसे तराशा जाता है। इस वजह से रत्न की संरचना में और अधिक सुधार होता है व स्थिरता एवं स्पष्टता आती है। इसके लिए देवदार तेल का उपयोग किया जाता है। इन विधियों को पूरा करने से पन्ना रत्न की गुणवत्ता में सुधार होता है और यह लंबे समय तक टिका रहता है। पन्ना रत्न की गुणवत्ता का निर्धारण 4 मापदंडों पर किया जाता है, इनमें रंग, आकार, स्पष्टता और कैरेट यानि वज़न है। पन्ना को धारण करने से कई सकारात्मक नतीजे प्राप्त होते हैं। इसके प्रभाव से कुछ हद तक मानसिक विकारों में सुधार होता है। वे लोग जिनकी जन्म कुंडली में बुध कमज़ोर होता है वे मानसिक और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि के लिए पन्ना धारण कर सकते हैं। यह भी माना जाता है कि अगर गर्भवती महिला के कमर में पन्ना को बांधा जाता है तो प्रसव में आसानी होती है। वे लोग जो बोलने में हकलाते या तुतलाते हैं उन्हें पन्ना पहनने की सलाह दी जाती है।



पन्ना रत्न से होने वाले लाभ

पन्ना रत्न के कई लाभ और विशेषताएं हैं। जीवन में होने वाली कई घटनाएं और दुख में राहत पहुंचाने के लिए पन्ना बहुत ही सहायक होता है। इससे जुड़े लाभ नीचे दर्शाए गए हैं:

  • यह अच्छी सेहत व धन संबंधी मामलों के लिए अच्छा होता है और जीवन में खुशियों को बरकरार रखता है।
  • पन्ना में जहरीले तत्वों व विषाणु से लड़ने की भी क्षमता होती है और इसे धारण करने से सर्प दंश की संभावना भी कम हो जाती है।
  • यह गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होता है क्योंकि इसे धारण करने से उन्हें प्रसव के समय ज्यादा तकलीफ नहीं होती है।
  • यह मानसिक तनाव को भी कम करता है और रक्तचाप सामान्य बनाये रखता है।
  • यदि पन्ना रत्न आपको उपहार में दिया गया है, तो यह अच्छे भाग्य का कारक होता है, विशेषकर मिथुन और कन्या राशि के लोगों के लिए।
  • वे लोग जो बोलने में हकलाते हैं उनके लिए पन्ना रत्न धारण करना लाभकारी होता है। यदि आप एक वक्ता हैं और पन्ना धारण करते हैं, तो आपकी भाषा और वाणी में और निखार आएगा।

पन्ना रत्न से होने वाले नुकसान

पन्ना एक बहुत ही मूल्यवान रत्न है। यदि इसके सकारात्मक प्रभाव है, तो कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। इनमें से कुछ बुरे प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • वे लोग जो अपनी जन्म कुंडली में बुध के बुरे प्रभाव से पीड़ित हैं उन्हें पन्ना नहीं पहनना चाहिए।
  • वे लोग जिनकी आदत बातों को ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर कहने की होती है और झूठ बोलने की होती है, उन्हें पन्ना रत्न नहीं पहनना चाहिए।
  • वे व्यक्ति जो छोटी सी बात को बड़ा बना देते हैं उन्हें भी पन्ना नहीं धारण करना चाहिए।
  • वे लोग जो दूसरों के विरुद्ध षडयंत्र रचते हैं उन्हें भी पन्ना रत्न पहनने से परहेज़ करना चाहिए।
  • यदि आप चोरी करते हैं या कभी कोई चोरी की है तो भी आपको पन्ना धारण नहीं करना चाहिए।
  • वे लोग जो किसी भी तरह की एलर्जी से प्रभावित रहते हैं उन्हें भी पन्ना नहीं पहनना चाहिए।
  • वे लोग जिनकी बुद्धि बहुत तेज है उन्हें भी पन्ना नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह उन लोगों के लिए है जिनका बुध कमज़ोर होता है।

कितने रत्ती यानि वज़न का पन्ना रत्न धारण करना चाहिए?

यदि आप पन्ना रत्न पहली बार पहन रहे हैं, तो यह कम से कम 2 रत्ती का होना चाहिए। इसे सोने या चाँदी में धारण करके पहनना लाभकारी होता है। पन्ना रत्न दो कैरेट से लेकर कई प्रकार का होता है। पन्ना रत्न पहनने के बाद 45 दिनों के अंदर इसका असर दिखने लगता है और इसका प्रभाव 3 वर्ष तक रहता है।

 

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ज्योतिषीय विश्लेषण- विभिन्न राशियों पर पन्ना रत्न का प्रभाव

पन्ना बुध ग्रह से संबंधित रत्न है और बुध का संबंध बौद्धिकता, स्मरण शक्ति और वाणी के प्रवाह से होता है इसलिए यह इन मामलों में शक्ति और वृद्धि प्रदान करता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस बात को समझा जा सकता है कि पन्ना रत्न सभी राशियों के लिए उपयुक्त नहीं होता है। नीचे की ओर दी गई जानकारी में यह बताया गया है कि पन्ना रत्न किस राशि के लिए लाभकारी है या नहीं।

मेष

(सूचना: हम सभी पाठकों को यह सुझाव देते हैं कि कोई भी रत्न पहनने से पहले एक बार किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।)

मेष

इस राशि के जातकों को पन्ना रत्न पहनने की सलाह नहीं दी जाती है।

वृषभ

आप पन्ना पहन सकते हैं लेकिन अच्छे परिणाम के लिए इसके साथ-साथ हीरा या सफेद पुखराज भी धारण करें।

मिथुन

मिथुन राशि के जातकों को पन्ना पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह उनकी जन्म राशि का रत्न है।

कर्क

इस राशि के लोगों को पन्ना रत्न बिल्कुल नहीं पहनना चाहिए।

सिंह

पन्ना पहनना आपके लिए बेहद लाभकारी होगा।

कन्या

पन्ना इस राशि के लोगों का जन्म राशि रत्न है इसलिए पन्ना को धारण करने से आपको विविध क्षेत्रों में मदद मिलेगी।

तुला

पन्ना से अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए इसे हीरे के साथ पहनें।

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातक पन्ना धारण करने से पहले एक बार ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें।

धनु

इस राशि के लोग पन्ना धारण कर सकते हैं लेकिन बेहतर परिणाम के लिए इसे पुखराज के साथ पहनें।

मकर

पन्ना को आप बिना किसी परेशानी के भी पहन सकते हैं।

कुंभ

पन्ना पहने से पहले ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें और पन्ना को विशेष परिस्थितियों में नीलम रत्न के साथ धारण करें।

मीन

अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए मीन राशि के लोग पन्ना को किसी अन्य रत्न के साथ पहनें, इसके लिए ज्योतिषीय परामर्श लें। क्योंकि केवल पन्ना रत्न धारण करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

पन्ना रत्न की तकनीकी संरचना

पन्ना में बेरिलयम और एल्यूमीनियम के सिलिकेट होते हैं इसलिए इसे मिश्रित खनिज कहा जाता है। इसका रंग हरा होता है और हल्के हरे से गहरे हरे रंग के रूप में पाया जाता है। मोह्स स्कैल पर इसकी कठोरता 7.5 से 8.0 तक होती है। इस कठोरता की वजह से पन्ना आभूषण संबंधी कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। कठोरता अच्छी होने की वजह से पन्ना रत्न में स्थिरता से संबंधित समस्या होती है। ऐसे पन्ना रत्न बहुत ही कम मिलते हैं जिनकी सतह पर कोई दरार या टूट-फूट ना हो। दरअसल सतह पर दरारों की वजह से रत्न कमजोर होता है और इसकी वजह से टूटने का डर बना रहता है। पन्ना रत्न में आने वाली दरारों को भरने और इसे मजबूती प्रदान करने के लिए इसमें अन्य सामग्री मिलाई जाती है। इन तरीकों को अपनाने से रत्न की दिखावट में सुंदरता में बढ़ती है हालांकि इससे रत्न की स्थिरता में कोई सुधार या बदलाव नहीं होता है।

पन्ना रत्न पहनने की विधि

पन्ना बुध ग्रह से संबंधित रत्न है और इसे सोने की अंगूठी में कनिष्ठा यानि छोटी अंगुली में पहना जा सकता है। पन्ना रत्न को धारण करने से पहले इसे कच्चे दूध या गंगा जल में डालें और शुद्धिकरण करें। इसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं व सुंगधित अगरबत्ती लगाएं, क्योंकि भगवान विष्णु बुध ग्रह के अधि देवता है और फिर बुध ग्रह के बीज मंत्र ‘’ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’’ का 108 बार जप करें। इसके बाद पन्ना को बुधवार के दिन या फिर अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र में पहना जा सकता है।

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