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१२ राशि के मंत्र

 राशि के बीज मंत्र तथा इष्ट मंत्र

भारतीय कुंडली के अनुसार 12 चंद्र राशियां हैं। हिंदू धर्म सूर्य चिन्हों की तरह 12 चंद्र राशियों का अनुसरण करता है।


चंद्र कैलेंडर, कई मायनों में तुलनीय होने पर, कहीं अधिक सटीक कुंडली पूर्वानुमान प्रदान करता है। प्रत्येक चंद्र राशि एक स्वामी द्वारा शासित होती है, जो एक ग्रह देवता है।


मंत्र ध्यान में राशि बीज मंत्र का प्रयोग करने से आप राशि के देवता का आह्वान करके खुद को सशक्त बना सकते हैं।



लेख में-

मेष राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

वृषभ राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

मिथुन राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

कर्क राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

सिंह राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

कन्या राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

तुला राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

वृश्चिक राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

धनु राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

मकर राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

कुम्भ राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।

मीन राशि बीज एवं इष्ट मंत्र।



1. मेष राशि:

बीज मंत्र:

ॐ ऎं क्लीं सौः।

ये मेष राशि का बीज मंत्र है।

मेष राशि के स्वामी मंगल हैं।

ये अग्नि तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका स्वभाव उग्र माना जाता है।


इष्ट देव मंत्र:

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाभ्यां नमः।


मेष राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे मेष राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। मेष राशि के जातक को प्रतिदिन इन दो मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।


2. वृषभ राशि:

बीज मंत्र:

ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं।


ये वृषभ राशि का बीज मंत्र है।

वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं।

ये पृथ्वी तत्व की राशि मानी जाती हैं।

ये काफी धैर्यवान होती हैं।

इष्ट देव मंत्र:

ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नमः।


वृषभ राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे वृषभ राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। वृषभ राशि के जातक को प्रतिदिन इन मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।


3. मिथुन राशि:

बीज मंत्र:

ॐ श्रीं ऎं सौः।


ये मिथुन राशि का बीज मंत्र है।

मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध हैं।

ये वायु तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका मन चंचल प्रकृति का होता है।

इष्ट देव मंत्र:

ॐ क्लीं कृष्णाय नमः।


मिथुन राशि के जातकों को इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे मिथुन राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। मिथुन राशि के जातक को प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।


4. कर्क राशि:

बीज मंत्र:

ॐ ऎं क्लीं श्रीं।

ये कर्क राशि का बीज मंत्र है।

कर्क राशि के जातकों के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।

ये जल तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका हृदय काफी बड़ा होता है।

इष्ट देव मंत्र:

ॐ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरुपिणे नमः।


कर्क राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे कर्क राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। कर्क राशि के जातक को प्रतिदिन इन मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।


5. सिंह राशि:

ॐ ह्रीं श्रीं सौः।


ये सिंह राशि का बीज मंत्र है।

सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य हैं।

ये अग्नि तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका स्वभाव उग्र माना जाता है।

इष्ट देव मंत्र:

ॐ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधाराय नमः।


सिंह राशि के जातकों को इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे सिंह राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। सिंह राशि के जातक को प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।


6. कन्या राशि:

बीज मंत्र:

ॐ श्रीं ऎं सौः।


ये कन्या राशि का बीज मंत्र है।

कन्या राशि वालों के स्वामी ग्रह बुध हैं।

ये पृथ्वी तत्व की राशि मानी जाती हैं।

ये काफी धैर्यवान होती हैं।

इष्ट देव मंत्र:


ॐ नमः पीं पीताम्बराय नमः।


कन्या राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे कन्या राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। कन्या राशि के जातक इन मंत्रों को प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।


7. तुला राशि:

बीज मंत्र:


ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं।


ये तुला राशि का बीज मंत्र है।

तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है।

ये वायु तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका मन चंचल प्रकृति का होता है।

इष्ट देव मंत्र


ॐ तत्वनिरञ्जनाय नमः।


तुला राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे तुला राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। तुला राशि के जातक को प्रतिदिन इन मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।


8. वृश्चिक राशि:

बीज मंत्र:


ॐ ऎं क्लीं सौः।


ये वृश्चिक राशि का बीज मंत्र है।

वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह हैं।

ये जल तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका हृदय काफी बड़ा होता है।

इष्ट देव मंत्र:


ॐ नारायणाय सुरसिंघाय नमः।


वृश्चिक राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे वृश्चिक राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। वृश्चिक राशि के जातक इन मंत्रों को प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।


9. धनु राशि:

बीज मंत्र:


ॐ ह्रीं क्लीं सौः।


ये धनु राशि का बीज मंत्र है।

धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं।

ये अग्नि तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका स्वभाव उग्र माना जाता है।

इष्ट देव मंत्र:


ॐ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वदन्ताय नमः।


धनु राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे धनु राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। धनु राशि के जातक को प्रतिदिन इन मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।


10. मकर राशि:

बीज मंत्र:


ॐ ऎं क्लीं ह्रीं श्रीं सौः।


ये मकर राशि का बीज मंत्र है।

मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं।

ये पृथ्वी तत्व की राशि मानी जाती हैं।

ये काफी धैर्यवान होती हैं।

इष्ट देव मंत्र:


ॐ श्रीं वत्सलाय नमः।


मकर राशि के जातकों को इन दो मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे मकर राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। मकर राशि के जातक को प्रतिदिन इन मंत्रों का 108 बार जाप करना चाहिए।


11. कुम्भ राशि:

बीज मंत्र:


ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्रीं।


ये कुम्भ राशि का बीज मंत्र है।

कुम्भ राशि के स्वामी शनि देव हैं।

ये वायु तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका मन चंचल प्रकृति का होता है।

इष्ट देव मंत्र:


ॐ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नमः।


कुम्भ राशि के जातकों को इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे कुम्भ राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। कुम्भ राशि के जातक को प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।


12. मीन राशि:

बीज मंत्र:


ॐ ह्रीं क्लीं सौः।


ये मीन राशि का बीज मंत्र है।

मीन राशि वालों के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं।

ये जल तत्व की राशि मानी जाती हैं।

इनका हृदय काफी बड़ा होता है।

इष्ट देव मंत्र:


ॐ आं क्लीं उध्दृताय नमः।


मीन राशि के जातकों को इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे मीन राशि के जातक को धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। मीन राशि के जातक को प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

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