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वृषभ राशि में बनने वाला है गुरु-मंगल योग, इन लोगों की चमक जाएगी किस्‍मत, बरसेगा पैसा

 


ज्‍योतिषशास्‍त्र की मानें तो सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक राशि से दूसरी राशि या नक्षत्र में परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के इस स्‍थान परिवर्तन से शुभ योग एवं संयोग का भी निर्माण होता है। इस समय मंगल ग्रह स्‍वराशि मेष में उपस्थित हैं और  बृहस्‍पति भी पूरे साल वृषभ राशि में रहने वाले हैं।

 

12 जुलाई को शाम 07 बजकर 03 मिनट पर मंगल वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस प्रकार 12 जुलाई से मंगल और बृहस्‍पति की वृषभ राशि में युति होगी। एक ही राशि में गुरु और मंगल के उपस्थित होने से गुरु-मंगल योग का निर्माण हो रहा है। ज्‍योतिष में इस योग को बहुत शुभ माना जाता है।


इस योग के शुभ प्रभाव से जातक की पद-पतिष्‍ठा और सम्‍मान में वृद्धि होती है। त्रिग्रही योग के प्रभाव से व्‍यक्‍ति बुद्धिमान और तर्कशील बनता है। इन लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में खूब तरक्‍की मिलती है। गुरु-मंगल योग बनने से कुछ राशियों के लोगों के जीवन में सकारात्‍मक बदलाव आने की संभावना है और इस ब्‍लॉग में उन्‍हीं राशियों के बारे में विस्‍तार से बताया गया है।

इन राशियों को होगा लाभ

वृषभ राशि

गुरु-मंगल योग से वृषभ राशि के लोगों को जबरदस्‍त लाभ मिलने की संभावना है। पैसों की तंगी दूर होगी और आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी। प्रेम संबंधों में मिठास आएगी और पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार बढ़ेगा। इससे आप काफी खुश और संतुष्‍ट रहने वाले हैं। आपके जीवन में सुख में इज़ाफा होगा। आप अपने परिवार के साथ काफी खुश रहने वाले हैं। आय के स्रोत बढ़ेंगे। व्‍यापारियों के लिए भी लाभ की स्थिति बनी हुई है।

 

सिंह राशि

मंगल-गुरु की युति सिंह राशि के लोगों की किस्‍मत चमका सकती है। आपको अचानक से धन लाभ होने की संभावना है। आपकी आमदनी के स्रोतों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे आपकी वित्तीय स्थिति में मज़बूती आएगी। आप दान-पुण्‍य करेंगे और इसका सकारात्‍मक प्रभाव आपको अपने जीवन में जरूर देखने को मिलेगा।

कार्यक्षेत्र में भी आपके लिए तरक्‍की के योग बन रहे हैं। परिवार में खुशियां आएंगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्‍नति और वेतन में वृद्धि के संकेत हैं। लंबे समय से अटका हुआ पैसा, अब आपको वापस मिल सकता है।

वृश्चिक राशि

अगर आपकी वृश्चिक राशि है, तो इस समय आपको खूब लाभ होने की संभावना है। आप खूब पैसा कमाएंगे और अब आपको धन की कोई कमी नहीं रहने वाली है। आप अपने लिए प्रॉपर्टी आदि भी खरीद सकते हैं। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। आप अपने जीवन में मिल रहे सकारात्‍मक परिणामों को लेकर प्रसन्‍न रहेंगे।

वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आएंगी। पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार और मान-सम्‍मान बढ़ेगा। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आपको अपने ससुराल पक्ष के लोगों का सहयोग मिल सकता है। आपके करियर में जो भी बाधाएं आ रही हैं, अब वे सब दूर होंगी। आपको अपने जीवन में सकारात्‍मक परिणाम मिलेंगे।


ज्‍योतिष में मंगल ग्रह का महत्‍व

मंगल ग्रह को योद्धा और आदेश देने वाला ग्रह माना गया है। यह पुरुष तत्‍व का ग्रह है। हिंदू पौराणिक कथाओं में मंगल को भूमि पुत्र भी कहा गया है। वह पृथ्‍वी के पुत्र हैं। मंगल ग्रह शुष्‍क और उग्र स्‍वभाव वाला ग्रह है। इसे मेष और वृश्चिक राशि का स्‍वामित्‍व प्राप्‍त है। यह मकर राशि में 28 डिग्री पर उच्‍च का होता है और कर्क राशि में 28 डिग्री पर नीच का होता है। इसकी मूल त्रिकोण राशि मेष है।

मंगल ग्रह का असर जातक की इच्‍छाओं और महत्‍वाकांक्षाओं पर अधिक होता है। इस ग्रह से नेतृत्व करने का गुण मिलता है। आप जिस भी क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं, यह ग्रह आपको उसी क्षेत्र में शानदार अवसर प्राप्‍त‍ करने में सहायता करता है।

वैदिक ज्‍योतिष में बृहस्‍पति ग्रह का महत्‍व

बृहस्‍पति अन्‍य सभी ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। इसे देवताओं के गुरु की उपाधि दी गई है। गुरु की कृपा से जातक को सौभाग्‍य की प्राप्ति होती है। यह दयालु और परोपकारी ग्रह है। गुरु को सौरमंडल का तारा भी कहा जाता है। इसे सूर्य की परिक्रमा करने में बारह साल से थोड़ा कम समय लगता है। मंगल और शुक्र को छोड़कर यह अन्‍य ग्रहों की तुलना में सबसे ज्‍यादा चमकीला ग्रह है। गुरु भाग्‍य, धन, प्रसिद्धि, नैतिकता, ध्‍यान, संतान, अध्‍यात्‍म, भक्‍ति और विश्‍वास का प्रतीक है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. गुरु और मंगल की युति से कौन सा योग बन रहा है?

उत्तर. इससे गुरु-मंगल योग का निर्माण होता है।

प्रश्‍न. गुरु मंगल योग क्‍या है?

उत्तर. यह बृहस्‍पति और मंगल के संयोजन से बनता है।

प्रश्‍न. गुरु किन राशियों के स्‍वामी हैं?

उत्तर. गुरु मीन और धनु राशि के स्‍वामी हैं।

प्रश्‍न. कुंडली में मृत्‍यु का स्‍थान कौन सा है?

उत्तर. अष्‍टम भाव को मृत्‍यु या आयु का स्‍थान कहा जाता है।

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