मंगल की मार्गी चाल से इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, चौतरफा बरसेगा पैसा!

Om Asttro
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Om Asttro के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको मंगल मिथुन राशि में मार्गी से संबंधित समस्त जानकारी प्रदान करेंगे जैसे कि तिथि एवं समय आदि। मंगल देव को साहस, निडरता एवं पराक्रम का ग्रह कहा जाता है। इस क्रम में, मंगल महाराज की स्थिति में होने वाला हर बदलाव चाहे गोचर, अस्त, वक्री या मार्गी अवस्था हो, संसार सहित सभी राशियों के जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आने की क्षमता रखता है। अब मंगल ग्रह जल्द ही अपनी चाल में बदलाव करते हुए मिथुन राशि में मार्गी होने जा रहे हैं और ऐसे में, इनकी यह अवस्था कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगी जबकि कुछ के लिए अशुभ रहेगी।


इसके अलावा, जिस समय मंगल देव मिथुन राशि में मार्गी होंगे, उस समय यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर अवस्था में हैं, तो उन्हें मजबूत करने के लिए आपको कौन से उपाय करने चाहिए? मंगल की स्थिति में होने वाले इस परिवर्तन का देश-दुनिया और सभी राशियों पर कैसा प्रभाव होगा? इन सभी सवालों के जवाब हमें इस ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले बात करते हैं मंगल मार्गी के समय की।

मंगल मिथुन राशि में मार्गी: तिथि और समय 

बात करें मंगल ग्रह की, तो मंगल महाराज 28 डिग्री पर मकर राशि में उच्च के होते हैं और कर्क राशि में 28 डिग्री पर नीच के हो जाते हैं। सभी 27 नक्षत्रों में मंगल देव द्वारा मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र शासित है। जब बात आती है गोचर की, तो चंद्रमा, बुध और शुक्र देव की तुलना में मंगल हर 45 दिनों के बाद अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। पिछले साल यानी कि वर्ष 2024 में 07 दिसंबर 2024 को कर्क राशि में वक्री हो गए थे और अब यह एक लंबे समय तक वक्री रहने के बाद 24 फरवरी 2025 की सुबह 05 बजकर 17 मिनट पर मिथुन राशि में मार्गी हो जाएंगे। इनके मार्गी होने से पुनः यह जातकों को सकारात्मक परिणाम देने लग जाएंगे। आइए अब जानते हैं कि ग्रह की मार्गी अवस्था क्या होती है। 

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क्या होता है ग्रह का मार्गी होना?

ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव के अलावा प्रत्येक ग्रह समय-समय पर अपनी चाल में बदलाव करते हुए अस्त, उदय, वक्री और मार्गी होते हैं। जब कोई ग्रह अपने पथ पर चलते हुए उल्टा या पीछे की तरफ चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इसको ग्रह का वक्री होना कहते हैं। लेकिन, जब ग्रह वक्री अवस्था में रहने के बाद पुनः आगे की दिशा में चलना शुरू कर देता है, तो इसे ग्रह का मार्गी होना कहते हैं। वक्री होने पर मंगल ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं दे पा रहे थे, लेकिन मार्गी होने पर अब यह दोबारा जातकों को शुभ फल देने लग जाएंगे। अब जानते हैं मंगल देव के मिथुन राशि में उपस्थिति के बारे में। 

मिथुन राशि में मंगल: विशेषताएं 

हम सभी इस बात को भली-भांति जानते हैं कि मंगल देव और बुध ग्रह एक-दूसरे के शत्रु माने गए हैं। लेकिन, ज्योतिषीय दृष्टि से मंगल की मिथुन राशि में उपस्थिति विशेष मानी जाती है जो अच्छे और बुरे दोनों तरह से आपकी ऊर्जा, दृष्टिकोण और कार्यों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है। सामान्य शब्दों में कहें तो, यहां मंगल जातकों को मिले-जुले परिणाम दे सकते हैं। 

  • ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह मिथुन राशि में विराजमान होते हैं, वह बातों-बातों में अपनी भावनाएं दूसरे के सामने रखते हैं। 
  • ऐसे लोग डिबेट करने में माहिर होते हैं और किसी मुद्दे पर होने वाली चर्चाओं का लुत्फ़ लेते हुए दिखाई देते हैं। 
  • इच्छाओं के ग्रह के रूप में मंगल मिथुन राशि में वाले जातकों को तेज़ बुद्धि एवं बेहतरीन संचार कौशल का आशीर्वाद देते हैं। 
  • ऐसे जातक अक्सर जिज्ञासु प्रवृति के होते हैं और यह नई-नई चीज़ों को जानने में रुचि रखते हैं। 
  • मिथुन राशि में मंगल होने पर जातक बेहद बेचैन रहते हैं और लंबे समय तक किसी एक प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर सकते हैं। 
  • हालांकि, ऐसे लोग मल्टीटास्किंग होते हैं और मुश्किल काम को आसानी से कर लेते हैं, लेकिन कभी-कभी इन्हें असफलता का सामना करना पड़ सकता है। 

 चलिए अब आपको अवगत करवाते हैं ज्योतिष में मंगल ग्रह के महत्व के बारे में। 

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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व 

  • मंगल ग्रह को नवग्रहों में सबसे आक्रामक एवं उग्र ग्रह का दर्जा प्राप्त है। 
  • यह स्वभाव से पुरुष ग्रह है और इनमें उग्र तत्व शामिल हैं। 
  • वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, जोश, जुनून और ऊर्जा के कारक माना जाता है।
  • मंगल ग्रह के दूसरे ग्रहों के साथ संबंध के बारे में बात करें, तो यह सूर्य, चंद्रमा, गुरु और मंगल के मित्र माने गए हैं। 
  • इसके विपरीत, मंगल देव शुक्र और शनि के साथ तटस्थ संबंध रखते हैं। 
  • हालांकि, बुध, राहु और केतु से मंगल शत्रुता के भाव रखते हैं। 
  • इन्हें राशि चक्र में मेष राशि और वृश्चिक राशि पर स्वामित्व प्राप्त हैं। 
  • मंगल को चमकीले लाल रंग के तौर पर दर्शाया जाता है इसलिए इन्हें लाल ग्रह भी कहते हैं। 
  • सप्ताह के सात दिनों में मंगल महाराज को मंगलवार का दिन समर्पित है। 
  • सभी बहुमूल्य रत्नों में मंगल ग्रह का रत्न लाल मूंगा होता है। विशेष रूप से यह उन जातकों के लिए फलदायी साबित होता है जो मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से पीड़ित होते हैं। लेकिन, आपको कोई भी रत्न धारण करने से पहले एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। 

 

कुंडली में मंगल कमज़ोर होने का प्रभाव

  • कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर जातक की सेहत पर असर पड़ता है और वह ज्यादातर समय थकान महसूस करता है। कार्यों में मन नहीं लगता है और पाचन से जुड़ी समस्याएं बनी रहती हैं।
  • मंगल देव की कमज़ोर स्थिति की वजह से जातक की भावनाओं में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसा व्यक्ति मानसिक तनाव या अवसाद की चपेट में आ जाता है।
  • मंगल महाराज की दुर्बल अवस्था विवाह में देरी का कारण बनती है और बात बनते-बनते बिगड़ जाती है।
  • कुंडली में मंगल के खराब होने पर जातक को नेत्र रोग, ब्लड प्रेशर,फोड़े-फुंसी या पथरी जैसे रोग परेशान कर सकते हैं।
  • मंगल की नकारात्मक स्थिति आपके जीवन में आर्थिक समस्याएं बढ़ाने का काम करती हैं। साथ ही, कर्ज और जमीन-जायदाद से जुड़े विवाद जन्म ले सकते हैं। 

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मंगल मिथुन राशि में मार्गी के दौरान करें ये प्रभावी उपाय 

  • मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए दूसरों की सहायता के लिए सदैव तैयार रहें।
  • हनुमान जी शक्ति और ज्ञान का प्रतीक माने जाते हैं और ऐसे में, मंगल दोष को शांत करने के लिए हनुमान की साधना सबसे शुभ एवं फलदायी मानी जाती है। 
  • इसके अलावा, काल भैरव की पूजा-अर्चना और उनके मंत्रों का जाप करने से कुंडली में उपस्थित मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  • मंगल देव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिव जी के पुत्र कार्तिकेय की उपासना करना उत्तम रहता है। 
  • चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • गरीबों या जरूरतमंदों को लाल या केसरिया रंग के वस्त्र दान करें। 

राशि अनुसार प्रभाव और उपाय


मेष राशि

मेष राशि के लग्‍न और आठवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं और अब वह आपके तीसरे भाव में उपस्थित रहेंगे जो कि भाई-बहन और रुचि का कारक है। तीसरे भाव में ही मंगल मार्गी होने जा रहे हैं। इस समय आपके संचार कौशल में सुधार आएगा और आप लघु यात्राओं पर जा सकते हैं। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आप साहसी और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। मंगल का तीसरे भाव में होना, आमतौर पर अनुकूल माना जाता है इसलिए इस समयावधि में आप लंबे समय से अटके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए तैयार रहेंगे।

आपको अपने छोटे भाई-बहनों खासतौर पर अपने छोटे भाई के साथ कुछ समस्‍याएं आने की आशंका है। उनके साथ आपकी बहस और झगड़ा हो सकता है लेकिन फिर भी वे ज़रूरत पड़ने पर आपकी मदद करेंगे। इसके अलावा तीसरे भाव से मंगल की आपकी छठे, नौवें और दसवें भाव पर पड़ रही है। छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए अच्‍छा समय है क्‍योंकि इस समय आपके शत्रु या प्रतिद्वंदी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। आपको अपने पिता, गुरु और मार्गदर्शक से सहयोग मिलेगा लेकिन आपको उनकी सेहत का ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा पेशे के दसवें भाव पर मंगल की आठवीं दृष्टि पड़ रही है जो कि मकर राशि का उच्‍च स्‍थान है। इससे मेष राशि के जातकों को करियर में लाभ होने की उम्‍मीद है। यह विशेष रूप से उन जातकों के लिए लाभकारी होगा जिन्‍होंने हाल ही में स्‍नातक की पढ़ाई पूरी की है और अब नौकरी की तलाश कर रहे हैं। इस समय आपको करियर में नए अवसर मिलने की संभावना है।

उपाय: मंगल से शुभ परिणाम प्राप्‍त करने के लिए आप अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली में अच्‍छी क्‍वालिटी के लाल मूंगा रत्‍न की अंगूठी धारण करें।

 

वृषभ राशि

मंगल वृषभ राशि के सातवें और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके दूसरे भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। कुंडली का दूसरा भाव वाणी, बचत और परिवार का कारक होता है। मंगल के मार्गी होने पर आपकी बातों में कठोरता और घमंड दिख सकता है। इसकी वजह से आपके अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ भी रिश्‍ते खराब होने की आशंका है। आपको नरमी से बात करने और सोच-समझकर बोलने की सलाह दी जाती है।

दूसरे भाव से मंगल की आपके पांचवे, आठवें और नौवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आप अपनी संतान, शिक्षा और प्रेम संबंध को लेकर पोज़ेसिव हो सकते हैं। आपके ऐसा करने की वजह से आपके बच्‍चों या पार्टनर को असहज महसूस हो सकता है इसलिए इस मामले में अति करने से बचना ही बेहतर होगा।

हालांकि, इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र से संबंधित पढ़ाई कर रहे छात्रों को लाभ होने के आसार हैं। मंगल की आठवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपके जीवनसाथी की संयुक्‍त संपत्ति में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसकी वजह से आपके जीवन में अस्थिरता भी आ सकती है इसलिए अपने पार्टनर और अपनी सेहत का ख्‍याल रखें और काम पर जाते समय गाड़ी ध्‍यान से चलाएं। मंगल की नौवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपको अपने पिता, गुरु और मार्गदर्शक का सहयोग प्राप्‍त होगा लेकिन आपको उनकी सेहत का ख्‍याल रखना होगा। ध्‍यान रखें कि वे समय पर अपनी नियमित जांच करवाते रहें।

उपाय: आप मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्‍प अर्पित करें।

 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के छठे और बारहवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर इस राशि के लग्‍न भाव में रहेंगे। इस समय आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहने वाली है और आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। हालांकि, आप आक्रामक और घमंडी हो सकते हैं। मंगल के मिथुन राशि में मार्गी होने के दौरान आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने में सक्षम होंगे। इसके अलावा मंगल की आपके लग्‍न भाव से आपके चौथे, सातवें और आठवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है। मंगल की चौथे भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपको अपनी मां का सहयोग प्राप्‍त होगा। हालांकि, आपको उनकी सेहत की चिंता हो सकती है। आप अपनी मां को लेकर पोज़ेसिव हो सकते हैं।

मंगल की सप्‍तम दृष्टि सातवें भाव पर पड़ रही है। इससे पार्टनरशिप में व्‍यवसाय करने वाले जातकों को लाभ होगा और इससे आपके जीवनसाथी को भी सहयोग मिलने की उम्‍मीद है। हालांकि, आपके गुस्‍सैल और दूसरों को नियंत्रित करने के स्‍वभाव की वजह से आपके और आपके पार्टनर के बीच मतभेद और झगड़े होने की आशंका है। आपको अपने व्‍यवहार पर ध्‍यान देने की सलाह दी जाती है। जमीन की खरीद-फरोख्‍त से पैसा कमाने के लिए भी यह समय अनुकूल रहने वाला है। मंगल की आठवें भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपके जीवनसाथी की संयुक्‍त संपत्ति में इज़ाफा होगा। इसके कारण आपके जीवन में अस्थिरता भी आ सकती है इसलिए अपने पार्टनर और अपनी सेहत का ख्‍याल रखें और काम पर जाते समय गाड़ी ध्‍यान से चलाएं।

उपाय: इस समय आप नियमित रूप से मंगल के बीज मंत्र का जाप करें।

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कर्क राशि

कर्क राशि के लिए मंगल योग कारक ग्रह हैं लेकिन वक्री होने की वजह से आपको इस ग्रह के शुभ परिणाम नहीं मिल पा रहे थे। लेकिन अब मंगल आपके बारहवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। यह भाव विदेश, एकांत, अस्‍पताल और मल्‍टीनेशनल कंपनियों का कारक है। कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल योग कारक ग्रह बन गया है क्‍योंकि यह आपके केंद्र और त्रिकोण भावों यानी पांचवे और दसवें भाव का स्‍वामी है। आमतौर पर कर्क राशि के जातकों के लिए योग कारक का बारहवें भाव में आना शुभ नहीं माना जाता है। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने के दौरान आपके पेशेवर जीवन में आकस्मिक और अनचाहे बदलाव आ सकते हैं। यदि आप विदेश जाने या नौकरी बदलने की सोच रहे हैं, तो इसके लिए यह शानदार समय है। इस समय आपका स्‍थानांतरण या आपके पद या भूमिका में कोई बदलाव आने के आसार हैं। हालांकि, इस दौरान आपके साहस, ताकत और धैर्य में कमी आने की आशंका है।

इसके अलावा मंगल की बारहवें भाव से आपके तीसरे, छठे और सातवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है। इस समय आपके शत्रु आपको नुकसान नहीं पहंचा पाएंगे लेकिन लघु यात्रा पर जाने, मेडिकल बिल या किसी अन्‍य कानूनी मसले की वजह से आपके खर्चों में वृद्धि देखने को मिल सकती है। आपके जीवनसाथी के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर मंगल की आपके सातवें भाव पर पड़ रही अष्‍टम दृष्टि लाभकारी नज़र नहीं आ रही है। इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच मतभेद उत्‍पन्‍न होने की आशंका है। उन्‍हें कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या भी घेर सकती है।

उपाय: आप रोज़ सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

 

सिंह राशि

सिंह राशि के नौवें और चौथे भाव के स्‍वामी होने की वजह से मंगल इस राशि के लिए योग कारक ग्रह हैं। अब यह योग कारक ग्रह आपके ग्‍यारहवें भाव में मार्गी होने जा रहा है। इस भाव का संबंध लाभ और महत्‍वाकांक्षाओं से होता है। मंगल के आपके ग्‍यारहवें भाव में मार्गी होने की वजह से आपकी भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्‍त करने की इच्‍छा प्रबल होगी। पैसा कमाने के लिए यह अच्‍छा समय है क्‍योंकि आपको अपने पुराने निवेशों से मोटा मुनाफा होने की उम्‍मीद है। इसके साथ ही आपको कमीशन से भी कुछ आय हो सकती है। दीर्घकालिक वित्तीय योजना बनाने के लिए यह समय अनुकूल है। इसके अलावा आपको अपने चाचा और बड़े भाई-बहनों का सहयोग प्राप्‍त होगा। मंगल की ग्‍यारहवें भाव से आपके दूसरे, पांचवे और छठे भाव पर दृष्टि पड़ रही है। मंगल का ग्‍यारहवें और दूसरे भाव से संबंध आपके लिए आर्थिक लाभ, बचत में वृद्धि और वेतन में बढ़ोतरी के संकेत दे रहा है।

हालांकि, सिंह राशि के जातक अपने परिवार को लेकर पोज़ेसिव हो सकते हैं। मंगल की पांचवे और छठे भाव पर दृष्‍टि पड़ने की वजह से प्रतियोगी परीक्षा या अन्‍य किसी प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे छात्रों को लाभ होगा। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर कर्क राशि वाले जातक शानदार प्रदर्शन करेंगे जिससे इनके प्रतिद्वंदी इनके साथ प्रतिस्‍पर्धा करने में असमर्थ हो सकते हैं। मंगल की छठे भाव पर दृष्टि पड़ने के कारण कानूनी मामले या मुकदमे आपके पक्ष में आ सकते हैं।

उपाय: मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और मिठाई दान में दें।

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कन्या राशि

मंगल ग्रह कन्‍या राशि के तीसरे और आठवें भाव के स्‍वामी हैं। तीसरा भाव भाईयों और आठवां भाव रहस्‍यों का होता है। अब मंगल आपके दसवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं जो कि करियर का भाव है। दसवें भाव में मंगल का मार्गी होना शुभ संकेत है क्‍योंकि इससे आपका फोकस बढ़ेगा। इससे आपको अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। कन्‍या राशि के जातक ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे और कार्यक्षेत्र में काम करने के लिए तैयार रहेंगे। आपके वरिष्‍ठ और अन्‍य अधिकारी आपके अंदर इन चीज़ों को पहचानेंगे और आपकी प्रशंसा करेंगे। इसके साथ ही वे आपको अतिरिक्‍त कार्यभार और जिम्‍मेदारी भी दे सकते हैं। इस समयावधि में आपकी लोकप्रियता और सम्‍मान में वृद्धि होने के योग हैं।

व्‍यापारी अपने मुनाफे को बढ़ाने और अपने बिज़नेस का विस्‍तार करने के लिए प्रेरित रहेंगे। इसके अलावा मंगल की पहले, चौथे और पांचवे भाव पर दसवें भाव से दृष्टि पड़ रही है। इसलिए मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आप अपने जीवन को बेहतर करने के लिए जोश और आत्‍मविश्‍वास के साथ आगे बढ़ेंगे। करियर को लेकर प्रतिबद्ध रहने की वजह से आप अपने निजी जीवन को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। इससे पारिवारिक जीवन में आपको कम संतुष्टि होने के संकेत हैं। मंगल की चौथे भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपको अपनी मां का सहयोग मिलेगा लेकिन आपको उनकी सेहत को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है। मंगल की पंचम भाव पर अष्‍टम दृष्टि पड़ने के कारण कन्‍या राशि के विद्यार्थियों को पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपकी रोमांटिक लाइफ भी ज्‍यादा अच्‍छी नहीं रहने वाली है। कन्‍या राशि के जातकों को अपने बच्‍चों की सेहत को लेकर चिंता हो सकती है।

उपाय: मंगलवार के दिन मंगल यंत्र की स्‍थापना एवं पूजन करें।

 

तुला राशि

तुला राशि के दूसरे और सातवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं। मंगल आपके नौवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं जो कि पिता और गुरु का कारक है। सिंगल जातकों के शादी के बंधन में बंधने की प्रबल संभावना है या वे अपने प्रेमी को अपने परिवार से मिलवा सकते हैं। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर तुला राशि के जातकों की धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ सकती है। आप अपने जीवनसाथी और परिवार के साथ तीर्थयात्रा पर भी जा सकते हैं या घर पर ही हवन या सत्‍य नारायण की पूजा जैसा कोई धार्मिक अनुष्‍ठान करवा सकते हैं। इस समय आपके पिता, गुरु और मार्गदर्शक आपका सहयोग करेंगे लेकिन अहंकार और मतभेदों की वजह से आपका उनके साथ झगड़ा हो सकता है।

मंगल की नौवें भाव से बारहवें, तीसरे और चौथे भाव पर दृष्टि पड़ रही है। इसकी वजह से खासतौर पर यात्रा और चिकित्‍सा से जुड़े खर्चों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मंगल की चौथे भाव पर दृष्टि पड़ने की वजह से आपके घर का माहौल नकारात्‍मक हो सकता है। मंगल की तीसरे घर पर दृष्टि पड़ रही है, जिस कारण से आप बातचीत के दौरान अधिक आक्रामक हो सकते हैं। इसलिए आपको लोगों से बात करते समय संयम बनाए रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आप अपनी मां की सेहत का ख्‍याल रखें।

उपाय: आप नियमित रूप से अपने पिता और गुरु का आशीर्वाद लें।

 

वृश्चिक राशि

मंगल वृश्चिक राशि के छठे और लग्‍न भाव के स्‍वामी हैं। आपके लग्‍न भाव का स्‍वामी अब आपके आठवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। कुंडली का आठवां भाव दीर्घायु, आकस्मिक घटनाओं और रहस्‍यों को दर्शाता है। फिर भी मंगल मिथुन राशि में मार्गी होना आपके लिए लाभकारी सिद्ध नहीं होगा। मंगल का आठवें भाव में होना अशुभ होता है क्‍योंकि इससे जीवन में अनिश्विचतता या अस्थिरता आती है।

चूंकि, लग्‍न भाव का स्‍वामी आठवें भाव में है, इसलिए आपको अपनी सेहत को लेकर एवं गाड़ी चलाते समय विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। छठे भाव के स्‍वामी के आठवें भाव में होने की वजह से विपरीत राजयोग बन रहा है। इस वजह से आपके विरोधी आपको नुकसान पहुंचाने और आपके लिए समस्‍याएं खड़ी करने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन वे अपने प्रयासों में सफल नहीं हो पाएंगे। इसके साथ ही मंगल की नौवें भाव से आपके दूसरे, तीसरे और ग्‍यारहवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है। चूंकि, मंगल की ग्‍यारहवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है इसलिए पैसा कमाने के लिए यह अनुकूल समय है। आपको अपने किसी पुराने निवेश से अच्‍छा मुनाफा होने की उम्‍मीद है। कुंडली के दूसरे भाव यानी धन, वाणी और परिवार के भाव पर मंगल का सीधा प्रभाव पड़ता है। परिवार के सदस्‍यों से सोच-समझकर बात करें और अपने शब्‍दों का चयन सावधानी से करें क्‍योंकि आपकी बातें अनजाने में उन्‍हें ठेस पहुंचा सकती हैं। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आपके तीसरे भाव को देखेंगे और इस वजह से आपकी अपनी छोटी बहन के साथ असहमति या बातचीत बंद हो सकती है।

उपाय: अपने दाएं हाथ में तांबे का कड़ा पहनें।

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धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवे और बारहवें भाव के स्‍वामी हैं और अब वह आपके सातवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। कुंडली का सातवां भाव जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनर का होता है। पंचम भाव के स्‍वामी के सातवें घर में प्रवेश करने पर प्रेम संबंध को वैवाहिक रिश्‍ते में बदलने की सलाह दी जाती है। मंगल आपके सातवें भाव में मार्गी होने जा रहे हैं। हालांकि, यह समय विवाहित जातकों के लिए अनुकूल नहीं है। आपके पार्टनर के अहंकारी और हावी होने के व्‍यवहार की वजह से आप दोनों के बीच असहमति होने की आशंका है। उनके इस तरह के व्‍यवहार से आपको परेशानी हो सकती है। आपको उनकी सेहत का भी ध्‍यान रखने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा मंगल की सातवें भाव से आपके दसवें, लग्‍न और दूसरे भाव पर दृष्टि पड़ रही है। मंगल की दसवें भाव पर दृष्टि पड़ने के कारण आप अपने करियर को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। कुछ बुरा नहीं होने वाला है, यह सब बस आपके दिमाग में चल रहा है और असल में ऐसा कुछ भी नहीं है। इस असुरक्षा के कारण आपका व्‍यवहार अहंकारी और घमंडी हो सकता है। वहीं मंगल की दूसरे भाव में नवम दृष्टि पड़ने की वजह से आपको गले से संबंधित समस्‍या होने की आशंका है। इसके अलावा आपके परिवार के किसी सदस्‍य को कोई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या हो सकती है या आपके जीवनसाथी के जीवन में कोई अनिश्चित बदलाव आ सकता है। आपको आर्थिक स्तर पर भी उतार-चढ़ाव देखने पड़ सकते हैं।

उपाय: मंदिर में गुड़ और मूंगफली से बनी मिठाई चढ़ाएं।

 

मकर राशि

मकर राशि के चौथे और ग्‍यारहवें भाव के स्‍वामी मंगल ग्रह हैं और अब मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आपके छठे भाव में रहेंगे। यह भाव प्रतिस्‍पर्धा, माता, रोग और शत्रुओं का कारक होता है। छठे भाव में मंगल का मार्गी होना मकर राशि के जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होगी और आपका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहने वाला है। आप प्रतियोगिता में अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे और आपके शत्रु एवं प्रतिद्वंदी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।

हालांकि, आपको निडर और लापरवाह होने से बचना चाहिए क्‍योंकि इसकी वजह से आपके लिए अनावश्‍यक समस्‍याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, आपके छठे भाव से मंगल की आपके नौवें, बारहवें और लग्‍न भाव पर दृष्टि पड़ रही है। इसलिए आपको अपने पिता की सेहत को लेकर सावधान रहने की ज़रूरत है। आपके कार्यक्षेत्र में बदलाव आ सकता है या आपको काम के सिलसिले में किसी दूर स्‍थान या विदेश की यात्रा करनी पड़ सकती है। मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने के दौरान आपके खर्चों में बढ़ोतरी होने के आसार हैं। इन सभी चीज़ों की वजह से आप उत्तेजित, झगड़ालू और घमंडी बन सकते हैं। इसके कारण लोग आपको नापसंद कर सकते हैं।

उपाय: आप रोज़ गुड़ का सेवन करें।

 

कुंभ राशि

मंगल कुंभ राशि के तीसरे और दसवें भाव के स्‍वामी हैं और अब मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आपके पंचम भाव में रहेंगे। यह भाव संतान, शिक्षा, रोमांटिक संबंधों और पूर्व पुण्‍यों का होता है। पंचम भाव में मंगल के मार्गी होने पर आपको संतान के साथ कुछ समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। उनकी सेहत में गिरावट आने की आशंका है। उन्‍हें व्‍यवहार से संबंधित समस्‍याएं भी हो सकती हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं को प्रेग्‍नेंसी से जुड़ी परेशानियां होने के संकेत हैं। आपको इस समयावधि में अपनी सेहत का अधिक ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है।

अगर आपका प्रेम संबंध चल रहा है, तो आपको अपने व्‍यवहार को लेकर सचेत रहना चाहिए। आप अपने पार्टनर पर हक जताने या उन पर हावी होने से बचें। हालांकि, मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने से कुंभ राशि के छात्रों को लाभ होगा।। जो छात्र खासतौर पर तकनीकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी ऊर्जा में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी एवं वे अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से ध्‍यान केंद्रित कर पाएंगे। मंगल पंचम भाव से आपके आठवें, ग्‍यारहवें और बारहवें भाव को देख रहे हैं। व्‍यापारियों को इस समय वित्तीय जोखिम उठाने से बचना चाहिए। आप अपने पेशेवर जीवन में अचानक किसी बदलाव या काम के सिलेसिले में अत्‍यधिक यात्रा करने से बचें।

उपाय: ज़रूरतमंद बच्‍चों को कपड़े दान में दें।

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मीन राशि

मीन राशि के दूसरे और नौवें भाव पर मंगल ग्रह का आधिपत्‍य है। अब मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर इस राशि के चौथे भाव में रहेंगे। यह भाव मां, घर, घरेलू जीवन, प्रॉपर्टी और वाहन को दर्शाता है। बृहस्‍पति और मीन राशि का मंगल के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है और चौथे भाव में मंगल के मार्गी होने से आपको कई लाभ मिलने की उम्‍मीद है। मीन राशि के जातकों को अपने माता-पिता और परिवार के सदस्‍यों का सहयोग प्राप्‍त होगा। इस समय आपको पैतृक संपत्ति मिलने के भी योग हैं या फिर आप कोई नया वाहन या प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। चूंकि, मंगल का स्‍वभाव उग्र और शत्रुतापूर्ण है इसलिए आपको अपने पारिवारिक जीवन में समस्‍याएं और संघर्ष देखना पड़ सकता है। अहंकार की वजह से आपका अपनी मां के साथ भी मतभेद हो सकता है। मंगल की चौथे भाव से आपके सातवें, दसवें और ग्‍यारहवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है। यह व्‍यापार को आगे बढ़ाने के लिए अनुकूल समय है।

मंगल मिथुन राशि में मार्गी होने पर आप अपने पेशेवर जीवन में विकास करने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहेंगे। इसके साथ ही आपका बिज़नेस, बिज़नेस पार्टनरशिप, आर्थिक स्थिति और लाभ, सभी में वृद्धि देखने को मिलेगी। चूंकि, मंगल की चौथे भाव से आपके सातवें भाव पर दृष्टि पड़ रही है, इस वजह से आपको अपने वैवाहिक जीवन को लेकर सावधान रहने की ज़रूरत है। आप अपने पार्टनर को लेकर बहुत ज्‍यादा पोज़ेसिव हो सकते हैं, आप उनकी ईमानदारी पर शक कर सकते हैं और उनकी हर एक चीज़ में दखलअंदाज़ी कर सकते हैं। इसकी वजह से आप दोनों के बीच बहस होने की आशंका है।

उपाय: आप अपनी मां को गुड़ से बनी मिठाई भेंट करें।

 

 

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मंगल किस तिथि पर मिथुन राशि में मार्गी होने जा रहे हैं?

24 फरवरी को मंगल मार्गी होंगे।

मंगल किन राशियों के स्वामी हैं?

मेष और वृश्चिक राशि।

मंगल के लिए कौन सा दिन होता है?

मंगलवार का दिन।

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