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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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Author: Omasttro

श्री रूद्र संहिता तृतीय खंड ( अट्ठाईसवां अध्याय ) शिव-पार्वती संवाद 

     ब्रह्माजी कहते हैं-नारद! परमेश्वर भगवान शिव की बातें सुनकर और उनके साक्षात स्वरूप का दर्शन पाकर देवी पार्वती…

2023 का पहला चंद्रग्रहण; इन राशियों को रहना होगा बेहद सावधान!

चंद्र ग्रहण: ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हम सभी के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ता है।…

श्री रूद्र संहिता तृतीय खंड ( सत्ताईसवां अध्याय ) पार्वती जी का क्रोध से ब्राह्मण को फटकारना 

       पार्वती बोली-हे ब्राह्मण देवता! मैं तो आपको परम ज्ञानी महात्मा समझ रही थी परन्तु आपका भेद मेरे…

श्री रूद्र संहिता तृतीय खंड ( छब्बीसवां अध्याय ) पार्वती को शिवजी से दूर रहने का आदेश 

          पार्वती बोली-हे जटाधारी मुनि! मेरी सखी ने जो कुछ भी आपको बताया हैं, वह बिलकुल सत्य…

श्री रूद्र संहिता तृतीय खंड ( पच्चीसवां अध्याय ) शिवजी द्वारा पार्वती जी की तपस्या की परीक्षा करना 

         ब्रह्माजी बोले-हे मुनिश्रेष्ठ नारद! सप्तऋषियों ने पार्वती जी के आश्रम से आकर त्रिलोकीनाथ भगवान शिव को…

श्री रूद्र संहिता तृतीय खंड ( चौबीसवां अध्याय ) सप्त ऋषियों द्वारा पार्वती की परीक्षा 

       ब्रह्माजी कहते हैं-देवताओं ने अपने-अपने निवास पर लौट जाने के उपरांत भगवान शिव पार्वती की तपस्या की…

दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं (Daridraya Dahana Shiv Stotram)

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय कणामृताय शशिशेखरधारणाय । कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥१॥ Powered By     Play Unmute    …

श्री रूद्र संहिता तृतीय खंड ( तेईसवां अध्याय ) शिव से विवाह करने का अनुरोध

         ब्रह्माजी कहते हैं-हे नारद! देवताओं ने वहां पहुंचकर भगवान शिव को प्रणाम करके उनकी स्तुति की | वहां…

श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं (Shri Ganesha Pancharatnam – Mudakaratta Modakam)

श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र! मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥१॥ नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं…

श्री विष्णु स्तुति – विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranam)

॥ विष्णु शान्ताकारं मंत्र ॥ शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् । लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व…

अथ दुर्गाद्वात्रिंशन्नाममाला – श्री दुर्गा द्वात्रिंशत नाम माला (Shri Durga Dwatrinshat Nam Mala)

दुर्गा दुर्गार्ति शमनी दुर्गापद्विनिवारिणी । दुर्गामच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी ।   दुर्गतोद्वारिणी दुर्ग निहन्त्री दुर्गमापहण । दुर्गम ज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला । दुर्गमा…

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि (Mahishasura Mardini Stotram – Aigiri Nandini)

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते…

माँ बगलामुखी अष्टोत्तर-शतनाम-स्तोत्रम् (Maa Baglamukhi Ashtottara Shatnam Stotram)

ओम् ब्रह्मास्त्र-रुपिणी देवी, माता श्रीबगलामुखी । चिच्छिक्तिर्ज्ञान-रुपा च, ब्रह्मानन्द-प्रदायिनी ॥ 1 ॥   महा-विद्या महा-लक्ष्मी, श्रीमत् -त्रिपुर-सुन्दरी । भुवनेशी जगन्माता,…

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