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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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Category: ज्योतिष सीखे

ज्योतिष सीखें

“ज्योतिष सीखें” नामक इस पाठ्यक्रम में आप केवल 5  मिनट में ज्योतिष ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष सीखें – पाठ्यक्रम में आपको लगभग 5  मिनट के लेख ब्लॉग के साथ ज्योतिष शास्त्र के बारे में बताया जाएगा। ज्योतिष सीखने के इस पाठ्यक्रम में आपको बहुत सहज और सरल भाषा में ज्योतिष ज्ञान को सिखाया जाएगा। आइये जानते हैं ज्योतिष विद्या सीखने के कुछ बेहद आसान तरीके…

सांसारिक जीवन में व्यक्ति स्वयं को लेकर इतना जिज्ञासु नहीं होता, जितना की वह अपने घर परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों एवं अन्य लोगों के बारे में सोचता है। वह सदैव दूसरों की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से मोह-माया के चक्र में खुद को फँसा पाता है। परंतु जब व्यक्ति आध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ता है तो वह स्वयं के अस्तित्व का कारण खोजता है। वह जानना चाहता है कि उसके जन्म का वास्तविक उद्देश्य क्या है?

वैदिक शास्त्रों के अनुसार, ज्योतिष विद्या के माध्यम से ही यह ज्ञात होता है कि व्यक्ति के इस संसार में आने के मायने क्या हैं। किस कार्य के लिए उसका जन्म हुआ है। ज्योतिष विज्ञान के द्वारा व्यक्ति को उसके सवालों का जवाब मिलता है। इसलिए इस पाठ्यक्रम से हमारा उद्देश्य अपने पाठकों को ज्योतिष ज्ञान से अवगत कराना है और यह संभव तभी हो पाएगा, जब आप हमारा ज्योतिष सीखें कोर्स को गंभीरता से लेंगे।

राशियों की द्विपद आदि संज्ञा (लघुजातक)

मेषवृषधन्विसिंहाश्चतुष्पदा मकरपूर्वभागश्च | कीटः कर्कटराशिः सरीसृपो वृश्चिकः कथितः || १२ ||   मकरस्य  पश्चिमार्धं  ज्ञेयो मीनश्च जलचरः  ख्यातः | मिथुनतुलाघटकन्या…

राशियों के दिग्बल और कालबल (लघुजातक)

नृचतुष्पदकीटाप्याबलिनः  प्राग्दक्षिणाप्रोत्तरगाः | सन्ध्या द्युरात्रिबलिनः कीटा नृच तुष्पदाश्चैवम || ११ ||     पूर्वदिशा (लग्न) में द्विपदराशि , दक्षिणदिशा (दशम लग्न)…

त्रिशांश के स्वामी (लघुजातक)

कुजयमजीवज्ञसिताः पञ्चेन्द्रियवसुमुनीन्द्रियांशानाम् |  विषमेषु समर्क्षषूत्क्रमेण त्रिशांशपाः कल्प्याः || १० ||  विषम राशियों में आदि से ५ अंश मंगल के ,…

होरा – द्रेष्काण – द्वादशांश के स्वामी ( लघुजातक )

स्वगृहाद् द्वादाशभागाः द्रेष्काणाः प्रथमपञ्चनवपानाम् | होरे विषमेऽर्केन्द्रोः समराशौ चन्द्रतीक्ष्णांशोः || ९ ||     मेषादि राशियों में तद् – तद्  राशि…

मेषादि राशियों एवं नवांशो के स्वामी ( लघुजातक )

meshaadi raashiyon evan navaansho ke svaamee ( laghujaatak )   कुजशुक्रज्ञेन्द्वर्कज्ञशुक्रकुजजीवसौरियमगुरुवः  |  भेषानवांशकानामजमकरतुलाकुलीराद्याः || ८ ||   मंगल , शुक्र…

राशियों की पुरुष – स्त्री संज्ञा , दिशा ज्ञान ( लघुजातक )

पुंस्त्री – क्रूराऽक्रूरौ चर-स्थिर-द्वि स्वभाव संज्ञाश्च | अजवृषमिथुनकुलीराः पञ्चम नवमैः सहैन्द्रयाद्याः || ७ || मेष आदि १२ राशि क्रम से…

काल पुरुष के अंग विभाग ( लघुजातक ) kaal purush ke anag

Kaal purush ke anag vibhag   शीर्षमुखबाहुहृदयोदराणि कटीबस्तिगुह्यसंज्ञानि । ऊरू जानू जङ्घे चरणाविति राशयोऽजाद्याः ।। ४ ।। कालनरस्या वयवान् पुरुषाणां…

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