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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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मुख्य बातें

पति पत्नी में मन मुटाव की वजह है ग्रहदोष
मंगल को कलह का कारक माना जाता है
मांगलिक दोष होने पर आपस में बढ़ता है कलह
Couple Fight : अक्सर आपने देखा सुना होता पति पत्नी में सम्बन्ध विच्छेद हो जाता है। घर में दोनों के मध्य लड़ाई कलह बनी रहती है, मधुरता खत्म होने लगती है। एक-दूसरे का कुछ भी कहा गया कड़वा लगता है तो ऐसी स्थितियां कुंडली में पड़े निर्बल ग्रहों की वजह से उत्पन्न होती है। जिनको हम अक्सर अनदेखा किये रहते है। पति-पत्नि के बीच मनमुटाव होने का सबसे बडा कारक चंद्रमा होता है। जब यह निर्बल स्थिति या दूसरे भावों में विराजित होता है तब ये खामियां उत्पन्न होती हैं। इस कमजोर ग्रह के प्रभाव से आप बचना चाहते है और आप भी इससे पीड़ित हो तो करें यह उपाय आपको इससे जरूर लाभ होगा।

चंद्र ग्रह है कलह का जिम्मेदार
ज्यादातर लोग मंगल को कलह का कारक मानते है, क्योंकि यह तेज ग्रह माना जाता है। आपकी कुंडली में मांगलिक दोष होने पर भी पति-पत्नि के बीच में कलह का कारण मानते है। लेकिन पति-पत्नि के संबंधो के बीच कलह उत्पन्न करने का अधिकाधिक योगदान चंद्र ग्रह का भी होता है।

चंद्र ग्रह के साथ ही शुक्र ग्रह भी मचा सकता है वैवाहिक जीवन में हलचल

अगर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो और इसके साथ ही शुक्र ग्रह भी कमजोर हो रहा हो तो यह वैवाहिक जीवन में कलह या अनचाही हलचल का कारण बनता है।
चंद्रमा जब भी कलह का कारण बनता है तो जीवनसाथी में शक और भ्रम की भावना पैदा करता है और अनावश्यक रूप से झगड़ा करवाता है जिसका कोई भी मुख्य विशेष कारण नहीं होता।
चंद्रमा यदि अधिक पीड़ित हो तो कई बार अलगाव के योग और परिवार के सुख से वंचित कर मानसिक शान्ति को भंग कर देता है, जिससे कई बार लोग आत्महत्या जैसे विचार करने लगते है।
वैवाहिक सुख को देखने के लिए सबसे पहले चंद्रमा पर विचार जरूर करना चाहिए। चंद्रमा कुटुंब भाव का नैसर्गिक कारक है और मानसिक शान्ति को दर्शाता है। मंगल अचानक से क्रोध देता है किन्तु चंद्रमा से मिला कलह लंबे समय तक पीड़ा देता है और अंदर-अंदर ही डिप्रेशन देता है।

चन्द्र ग्रह के दोष को खत्म करने के उपाय

इससे बचने के लिए सबसे पहले अपने चंद्रमा (मन) को मजबूत करना परम आवश्यक होता है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति के अनुसार उपाय करने से उसके द्वारा मिल रही पीड़ा में कुछ हद तक आपसी सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है। आए दिन के सम्बंध-विच्छेदों लड़ाई-झगड़ों को कम किया जा सकता है। तब व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन मे सुखी होता है। किसी भी उत्तम ज्योतिषि से अपने चंद्रमा की स्थिति पता करके उचित उपाय प्राप्त करे तो वैवाहिक जीवन में प्रेम और संपूर्णता प्राप्त होगी।

चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय

जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर होता है। उनको भगवान शिव की नित्य पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिवजी पर जल में शक्कर डाल कर चढ़ाएं, क्योंकि चंद्रमा भगवान शिव के सिर पर विराजमान है। इसलिए शिवपूजन से चंद्र ग्रह के बुरे प्रभाव खत्म होते हैं। साथ ही अपनी माता के चरण स्पर्श करने चाहिए।

चावल के दाने या शुद्ध चांदी का टुकड़ा अपने साथ रखें। साथ ही बहते जल में चावल मिश्री के दाने प्रवाहित करने से भी यह ग्रह मजबूत होता है।

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