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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है। इस महीने से धीरे धीरे गरमी की शुरुआत होती है और सर्दी कम होने लगती है। फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि और रंगों कर त्योहार होली भी आता है। फाल्गुन का महीना 18 मार्च तक रहेगा। फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व के साथ आध्यात्मिक महत्व भी है। आइए जानते हैं फाल्गुन मास में किस पूजा और दान से हमारा कल्याण होता है।

वैसे तो साल के 12 महीने हम किसी भी देवी देवता की आराधना करते हैं। लेकिन कुछ महीने ऐसे हैं जिनमें भगवान की खास आराधना की जाती है। मान्यता है कि रोगों से मुक्ति पाने के लिए फाल्गुन का माह उत्तम होता है। इस माह में भोलेशंकर को सफेद चंदन अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ होता है। साथ ही, मां लक्ष्मी की पूजा से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

 

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फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व
फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व इस बात से भी सिद्ध हो जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु और भगवान शंकर से जुड़े दो बाद पर्व आते हैं। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसी प्रकार फाल्गुन शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाने वाली आमलकी एकादशी का व्रत आता है।

फाल्गुन मास में कृष्ण भक्ति का मिलता है विशेष लाभ
फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है यदि इस महीने में भगवान कृष्ण के तीन स्वरूप अर्थात बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जाए तो उनकी सभी कामना पूर्ण होती है। यदि किसी को संतान सुख चाहिए तो वह बाल गोपाल की आराधना करें , जिन्हें अपने दाम्पत्य जीवन में सुख चाहिए तो उन्हें युवा कृष्ण की और जिन्हे जीवन में मोक्ष और वैराग्य की तलाश है, उन्हें गुरू कृष्ण की साधना करनी चाहिए।

 

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फाल्गुन मास में दान का महत्व
जिस प्रकार माघ मास में दान का महत्व है ठीक उसी प्रकार फाल्गुन के महीने में दान का धार्मिक महत्व है।अपनी क्षमता एवं श्रद्धानुसार के अनुसार गरीबों को दान और पितरों के निमित्त तर्पण आदि जरूर करना चाहिए। फाल्गुन मास में शुद्ध घी, तिल, सरसों का तेल, मौसमी फल आदि का दान अत्यंत ही पुण्य फल प्रदान करने वाला माना गया है।

फाल्गुन मास के प्रमुख पर्व
फाल्गुन मास के प्रमुख पर्व इस प्रकार है-
विजया एकादशी – 26 फरवरी 2022
महा शिवरात्रि – 01 मार्च 2022
फाल्गुन अमावस्या – 02 मार्च 2022
फुलैरा दूज – 04 मार्च 2022
आमलकी एकादशी – 14 मार्च 2022
होलिका दहन – 17 मार्च 2022
होली – 18 मार्च 2022

 

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