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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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Pitru Paksha 2021: अभी श्राद्ध पक्ष चल रहा है और श्राद्ध पक्ष में पितृगण चीटी, गाय, कुत्ते, बिल्ली के रुप में हमारे समीप रहते हैं। तथा इन सभी जीवों के रुप में आकर वे भोग को ग्रहण करते हैं। तो आइए जानते हैं कि, पितृ पक्ष में किस प्रकार अपने पितृों को प्रसन्न किया जाए।

जो भी व्यक्ति अपने जीवन काल में एक बार अपने पितृों को प्रसन्न कर लेता है, तो फिर उसके जीवन में कभी भी धन का अभाव नहीं होता है और पृथ्वी में दबे हुए धन के स्वामी पितृदेव ही होते हैं।

हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक, देवताओं से भी उत्तम स्थान हमारे पितृों का होता है, इसीलिए पितृों को पितृदेव कहा जाता है। वहीं अगर आपके भी घर में कौवा आते हैं तो आप आटे की छोटी-छोटी गोली बनाकर कौवा को जरुर खिलाएं। क्योंकि आटे की छोटी-छोटी गोलियां पितृों को बेहद पसंद होती हैं।

वहीं आप अगर चाहते हैं तो कौवा को रोटी भी खिला सकते हैं। इससे पितृों की आत्मा काफी प्रसन्न होती है, क्योंकि कौवा के शरीर के रुप में ही पितृों की आत्मा आती है और आपके द्वारा दिए गए भोग को स्वीकार करती है। तथा इससे पितृ प्रसन्न होकर हमारी सभी प्रकार की मुरादों को पूरा करते हैं।

वहीं चीटीं को अगर कोई भी व्यक्ति पितृकाल में मिश्री और गुड़ अगर खिला दें तो उनके सात जन्मों की दरिद्रता भी समाप्त हो जाती है।

वहीं कुत्ते को अगर पितृ पक्ष में चावल खिला दिया जाए तो इससे पितृगण तृप्त हो जाते हैं।

वहीं बिल्ली को अगर पितृ पक्ष में दूध पिलाया जाए तो इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और आपको मुंह मांगा आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पितृ पक्ष में गाय के शरीर में हमारे पितृगणों की शक्तियां भी निवास करती हैं। तो इस दौरान गऊ माता को लड्डू या खीर खिला दी जाए अथवा गाय को बताशे आदि खिला दिए जाएं तो इससे हमारी सभी प्रकार की मुरादें पूर्ण हो जाती हैं।

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