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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब गुरु ग्रह की राशि धनु और मीन में होता है तो इसे खर मास कहते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस बार 16 दिसंबर को सूर्य गुरु की राशि धनु में प्रवेश करने जा रहा है।

उज्जैन. सूर्य धनु राशि में 14 जनवरी 2022 तक रहेगा। यानी 16 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक कोई भी शुभ कार्य नहीं हो सकेगा। 16 दिसंबर से पहले 13 दिसंबर को साल 2021 का अंतिम शुभ मुहूर्त है। यानी इसके बाद अब अगले साल 2022 में ही विवाह आदि शुभ कार्य किए जा सकेंगे। ज्योतिषियों की माने तो इस साल के सिर्फ 4 शुभ मुहूर्त ही शेष बचे हैं।


खर, मीन और चातुर्मास में नहीं होती शादियां
ज्योतिष में किसी भी मांगलिक कार्य यानी खासतौर पर विवाह के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत खास माना जाता है। ज्योतिष में शुभ मुहूर्त निकालने के लिए ग्रह नक्षत्रों की गणना की जाती है। इसी गणना के आधार पर कुछ समय ऐसा भी होता है, जिसे विवाह आदि के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसमें जुलाई से नवंबर तक होने वाले चातुर्मास के साथ ही खर और मीन मास को भी विशेष ध्यान में रखा गया है। इसलिए इन दिनों में शुभ मुहूर्त नहीं होने से विवाह और अन्य मांगलिक कामों पर रोक लग जाती है।



विवाह के 11 शुभ नक्षत्रों में से 4 रहेंगे
डॉ. मिश्र के अनुसार, ज्योतिष ग्रंथों में विवाह मुहूर्त के लिए 11 शुभ नक्षत्र बताए गए हैं। इनमें उत्तराषाढ़, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र भी शामिल हैं। ये नक्षत्र 7, 11, 12 और 13 तारीख को रहेंगे। साथ ही विवाह के लिए शुभ मार्गशीर्ष महीने का शुक्लपक्ष भी रहेगा। इस तरह शादियों के लिए सिर्फ 4 दिन रहेंगे।



विवाह के शुभ मुहूर्त
– 7 दिसंबर, मंगलवार को उत्तराषाढ़ नक्षत्र रहेगा। विवाह के लिए इसे अति शुभ माना गया है। (विवाह के लिए 10 रेखा के लग्न) हैं।


– 11 दिसंबर, शनिवार को पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। इस दिन ग्रह-नक्षत्र अनुकूल रहने से मांगलिक कार्यों के लिए शुभ रहेगा। (विवाह के लिए 9 रेखा के लग्न)


– 12 दिसंबर, रविवार को उत्तराभाद्रपद नक्षत्र होने से इस दिन विवाह आदि शुभ कार्य किए जा सकेंगे। (विवाह के लिए 9 रेखा के लग्न)


– 13 दिसंबर, सोमवार को रेवती नक्षत्र रहेगा। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए ये नक्षत्र बहुत शुभ माना गया है। (विवाह के लिए 6 रेखा के लग्न)

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