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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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पंचांग अध्याय १  

भाग ३

 नक्षत्र 

नक्षत्र २७ होते है , ( अभिजित सहित २८ ) होते है , नक्षत्र से हमे व्यक्ति के जीवन के बारे में व समय के शुभ अशुभ का फैसला करते है , आइये इस लेख में आज हम पड़ेंगे नक्षत्रो के नाम व उनके स्वामी 

ध्यान दे –: नक्षत्रो के गुण-स्वभाव अपने स्वामियों के गुण-स्वभाव के अनुसार ही होते है ||

क्रमांक  नक्षत्र  स्वामी 
अश्विनी अश्विनी कुमार
भरणी काल ( यमराज )
कृतिका अग्नि
रोहिणी ब्रह्मा
मृगशिरा चंद्रमा
आर्द्रा रूद्र ( शिव )
पुनर्वसु अदिति
पुष्य बृहस्पति
अश्लेषा सर्प
१० मघा पितर
११ पूर्वा फाल्गुनी भग
१२ उत्तर फाल्गुनी अर्य्यम
१३ हस्त अर्क ( सूर्य )
१४ चित्रा विश्वकर्मा
१५ स्वाति वायु
१६ विशाखा इन्द्र – अग्नि
१७ अनुराधा मित्र
१८ ज्येष्ठा इंद्र
१९ मूल राक्षस
२० पूर्वाषाढ़ा जल
२१ उत्तराषाढ़ा विश्वेदेव
२२ अभिजीत विधि ( ब्रह्मा )
२३ श्रवण विष्णु
२४ धनिष्ठा वासु
२५ शतभिषा वरुण
२६ पूर्वाभाद्रपद अजैकपाद
२७ उत्तरा भाद्र्पद अहिर्बुधन्य
२८ रेवती पूषा

  

प्रत्येक नक्षत्र ४ चरण में बाटे गए है , और ९ चरण की १ राशि हे , अगली कक्षा में चरण के बारे में जानेगे ||   

One thought on “पंचांग ( अध्याय १ ) भाग ३ नक्षत्र”

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