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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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हिंदू धर्म के अनुसार भगवाग शिव का सबसे प्रिय माह सावन 25 जुलाई से आरंभ हो चुका है. सावन का यह माह धार्मिक दृष्टि से बेहद ही खास माना जाता है. सावन के इस महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. कहते हैं कि सावन के महीने में शिव की पूजा और उपासना करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.

इसी के साथ लंबी उम्र का वरदान भी प्राप्त होता है. हिंदू धर्म के पंचाग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. तो चलिए जानते हैं कि सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि का कितना महत्व है और इस शुभ मुर्हूत कब है.

साल में 12 शिवरात्रि मनाई जाती है


हिंदू शास्त्रों के अनुसार साल में 12 शिवरात्रि मनाई जाती है. लेकिन, इन 12 शिवरात्रियों में से 2 शिवरात्रि का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है. यह तो आप सभी जानते हैं कि फाल्गुन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है और सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है.

इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का शिवरात्रि क व्रत रखा जाता है. इस बार सावन शिवरात्रि 7 अगस्त दिन शनिवार को मनाई जाएगी. 7 अगस्त की सुबह सबसे पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करें. इस दिन भागवान शिव और उनके परिवार की पूजा की जाती हैं.


सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्तः-


शिवरात्रि के दिन व्रत, उपासना, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव के साथ मां गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती है. सावन माह की चतुर्दशी तिथि 6 अगस्त, 2021 को शाम 6 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 7 अगस्त शाम 7 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार, 7 अगस्त की सुबह के समय शिवरात्रि तिथि आरंभ होगी.

शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक जरूर करें. इसी के साथ आटे के 11 शिवलिंग बनाकर हर एक शिवलिंग का 108 बार अभिषेक करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से संतान प्राप्ति की समस्याएं दूर होंगी. विवाह संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए शिवरात्रि के दिन गुलाब के फूलों की माला से शिवलिंग के साथ मां गौरी का गठबंधन करें. ऐसा करने से विवाह संबंधी सभी समस्याएं समाप्त होंगी.


बताते चले कि धर्म गुरु के अनुसार किसी भी निर्धन व्यक्ति या कन्याओं को दूध दान करें. ऐसा करने से मानसिक तनाव दूर होगा साथ ही कुंडली का चंद्रमा शुभ फल देने लग जाएगा.

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