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ॐ नमस्ते गणपतये ॥ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हमारे यहां पर वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुंडली , राज योग , वर्ष पत्रिका , वार्षिक कुंडली , शनि रिपोर्ट , राशिफल , प्रश्न पूछें , आर्थिक भविष्यफल , वैवाहिक रिपोर्ट , नाम परिवर्तन पर ज्योतिषीय सुझाव , करियर रिपोर्ट , वास्तु , महामृत्‍युंजय पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , शनि ग्रह शांति पूजा , केतु ग्रह शांति पूजा , कालसर्प दोष पूजा , नवग्रह पूजा , गुरु ग्रह शांति पूजा , शुक्र ग्रह शांति पूजा , सूर्य ग्रह शांति पूजा , पितृ दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रह शांति पूजा , सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ , प्रेत बाधा निवारण पूजा , गंडमूल दोष निवारण पूजा , बुध ग्रह शांति पूजा , मंगल दोष (मांगलिक दोष) निवारण पूजा , केमद्रुम दोष निवारण पूजा , सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा , चंद्र ग्रहण दोष निवारण पूजा , महालक्ष्मी पूजा , शुभ लाभ पूजा , गृह-कलेश शांति पूजा , चांडाल दोष निवारण पूजा , नारायण बलि पूजन , अंगारक दोष निवारण पूजा , अष्‍ट लक्ष्‍मी पूजा , कष्ट निवारण पूजा , महा विष्णु पूजन , नाग दोष निवारण पूजा , सत्यनारायण पूजा , दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन) जैसी रिपोर्ट पाए और घर बैठे जाने अपना भाग्य अभी आर्डर करे

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अप्रैल में सूर्य ग्रहण के ठीक बाद मई में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यानी 15 दिनों के अंतराल पर दो महत्वपूर्ण ग्रहण हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। साल के पहले चंद्रग्रहण पर जहां देश और दुनिया के ज्योतिषियों और वैज्ञानिकों की नज़र बनी हुई है वहीं इसी बीच सूर्य का एक अहम परिवर्तन भी चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां पर यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि चंद्रग्रहण से भी पहले सूर्य का गोचर होने वाला है। यह बात तो हम सभी जानते हैं कि सूर्य और चंद्रमा का कोई भी परिवर्तन हमारे जीवन को प्रभावित अवश्य करता है।

ऐसे में आइए अपने इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं साल के पहले चंद्र ग्रहण से ठीक पहले होने वाला सूर्य गोचर हमारे लिए कितना खास रहने वाला है। इससे हमारे जीवन में क्या कुछ बदलाव आने की उम्मीद है और साथ ही जानते हैं इस गोचर और ग्रहण के इस ‘संयोग’ से किन लोगों को लाभ मिलेगा और किन लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता पड़ेगी।

सूर्य गोचर और चंद्र ग्रहण का समय
प्रभाव जानने से पहले जान लेते हैं सूर्य गोचर का समय क्या रहने वाला है और उसके बाद चंद्रग्रहण कितने बजे लगेगा।

तो 15 मई को सूर्य वृषभ राशि में गोचर करने वाला है। बात करें समय की तो सूर्य का यह महत्वपूर्ण गोचर सुबह 5 बज कर 45 मिनट पर होगा।
इसके बाद चंद्रग्रहण की बात करें तो भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को सुबह 8 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 10 बजकर 23 मिनट तक चलेगा।
चूंकि चंद्र ग्रहण 16 मई, 2022 को सुबह 8 बजकर 59 मिनट पर लगेगा ऐसे में उसके सूतक काल की बात करें तो वह ग्रहण से 9 घंटे पहले प्रारंभ हो जाएगी।
चन्द्र की स्थिति
तुला से वृश्चिक राशि में गुरुवार, 16 मई, 2022 8:10 AM

वृश्चिक से धनु राशि में रविवार, 18 मई, 2022 8:10 AM

साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है।

साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण विशाखा और अनुराधा नक्षत्र में होगा।

गोचर ग्रहण के संयोग से सावधान रहें ये राशियाँ
वृषभ राशि: इस समय अवधि में आपको अपने कामों में अवांछित देरी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपका स्वास्थ्य भी आपके लिए चिंता का विषय बना रहेगा। सलाह दी जाती है कि अपने खान-पान और सेहत पर विशेष और उचित ध्यान दें।

कन्या राशि: आपके पिता के साथ आपके रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं रहने वाले हैं। ऐसे में इस संदर्भ में आपको ज़्यादा मेहनत और प्रयास करना पड़ सकता है। पेशेवर जीवन के लिहाज से बात करें तो इस दौरान आपको अपना ध्यान एकाग्रचित करने में और काम पर पूरा ध्यान देने में ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

तुला राशि: इस अवधि में आपके जीवन में बेवजह के मुद्दों को लेकर तनाव बना रहने वाला है। इसके अलावा स्वास्थ्य पक्ष भी थोड़ा नाज़ुक रहेगा। ऐसे में उसके प्रति ध्यान रखें और खान-पान के साथ उचित व्यायाम भी अपने जीवन में शामिल करें।


वृश्चिक राशि: इस दौरान पेशेवर जीवन में आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको कोई भी कदम या फैसला फूँक-फूँक कर और बेहद ही सोच समझकर लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें अन्यथा यहाँ आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

मकर राशि: आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह समय ज़्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान आपको तमाम परेशानियां और आर्थिक अस्थिरता की समस्या बनी रहने वाली है। इसके अलावा इस अवधि में निवेश आदि से भी बचें अन्यथा नुकसान हो सकता है।

कुंभ राशि: माँ के साथ आपके रिश्ते थोड़े चुनौतीपूर्ण होने की आशंका है। इस संदर्भ में आपको धैर्य के साथ और सोच-समझकर बात करने की हिदायत दी जाती है। इसके अलावा जीवनसाथी के साथ भी आपके रिश्ते चुनौतियों के दौर से गुज़र सकता है। अंत में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि स्वास्थ्य भी एक बड़ी चिंता का विषय बन सकता है।

सूर्य और चंद्र मजबूत करके शुभ परिणाम प्राप्त करने के उपाय
विशेषतौर पर पिता का सम्मान करें और उनके चरण स्पर्श के बाद ही घर से निकलें।
आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
सूर्यदेव को नियमित रूप से अर्घ्य अर्पित करें।
चंद्रमा की उपासना करें और मुमकिन हो तो व्रत करें।
यथाशक्ति के अनुसार चावल, दूध, चांदी का दान करें।
घर की महिलाओं और विशेषतौर पर अपनी माता का सम्मान करें।


इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा Omasttro के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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